चंडीगढ़:हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट पर इस बार कांटे की टक्कर मानी जा रही थी. लेकिन शुरुआती रुझानों से ही भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर को पछाड़ती हुई कुमारी शैलजा अच्छी लीड से आगे रहीं और उन्होंने बड़ी लीड से जीत हासिल की. सिरसा में कुल 19 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे. सिरसा में वोटिंग प्रतिशत की बात करें तो यहां कुल मत 69.77 फीसदी दर्ज किया गया था.
सिरसा में दिलचस्प रहा मुकाबला: सिरसा लोकसभा सीट भी इस बार चुनाव में चर्चा का मुद्दा बनी रही. खास बात ये थी कि साल 2009 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर सिरसा से लोकसभा चुनाव में अशोक तंवर ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने इस साल ही बीजेपी ज्वाइन की और बीजेपी ने तंवर को सिरसा से प्रत्याशी बनाया, जिसके बाद उनके मुकाबले में कांग्रेस ने कुमारी शैलजा को टिकट दिया. शैलजा सिरसा से सांसद रह चुकी हैं. वहीं, यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं. वहीं, खास ये भी कि तंवर और शैलजा दोनों ही हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. इस बीच यहां मुकाबला दिलचस्प रहा और दोनों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिली. लेकिन कुमारी सैलजा को हराना बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती था.
शैलजा का सफरनामा: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा का राजनीतिक सफर करीब 36 वर्ष का है. इस बीच वे 4 बार लोकसभा सदस्य, एक बार राज्यसभा सदस्य और तीन बार केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं. कुमारी शैलजा वर्ष 1991, 96 में सिरसा से, जबकि वर्ष 2004 और 2009 में अंबाला से सांसद चुनी गई. शैलजा अब तक वर्ष 1988, 91, 96 और 98 में सिरसा से जबकि वर्ष 2004, 2009 और 2014 में अंबाला से चुनाव लड़ चुकी हैं. इसके अलावा वे 2019 से अप्रैल 2022 तक हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष भी रही हैं.