हैदराबाद: पूर्व कांग्रेस राहुल गांधी ने बुधवार को केरल की वायनाड लोकसभा सीट से दूसरी बार नामांकन किया. राहुल वर्तमान में वायनाड के सांसद हैं. पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में उन्होंने यहां से पहली बार जीत दर्ज की थी. कांग्रेस ने इस बार भी राहुल को वायनाड से उम्मीदवार बनाया है. बुधवार को नामांकन दाखिल करने से पहले राहुल ने बहन प्रियंका गांधी के साथ रोड शो किया और क्षेत्र की जनता से समर्थन मांगा.
लोकसभा चुनाव में हाईप्रोफाइल वायनाड सीट पर इस बार रोचक मुकाबला होने की उम्मीद है. विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' में शामिल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) ने राहुल गांधी के खिलाफ एनी राजा को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने इस सीट से के. सुरेंद्रन को उम्मीदवार बनाया है. सुरेंद्रन केरल भाजपा के अध्यक्ष हैं.
सीपीआई महासचिव डी राजा की पत्नी एनी राजा महिला अधिकारों के लिए काम करती हैं और वाम दल की बड़ी नेता हैं. वह सीपीआई की महिला इकाई भारतीय राष्ट्रीय महिला फेडरेशन की महासचिव भी हैं. एनी राजा 1980 के दशक से राजनीति में सक्रिय हैं. उन्होंने महिलाओं के हक में आवाज उठाने वाली नेता के रूप में पहचान बनाई है. इस तरह सीपीआई ने एनी राजा को वायनाड से उम्मीदवार बनाकर राहुल के लिए कड़ी चुनौती पेश की है.
इसी तरह भाजपा ने पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के. सुरेंद्रन को वायनाड से उम्मीदवार बनाकर अमेठी की तरह इस बार वायनाड में राहुल गांधी को घेरने की पुरजोर कोशिश की है. 2019 में राहुल गांधी को अपनी परंपरागत अमेठी सीट से हाथ धोना पड़ा था. तब भाजपा ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को राहुल के खिलाफ उतारा था और उन्होंने कांग्रेस का मजबूत किला ढहा दिया था. हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड से जीतकर संसद पहुंचे थे. भाजपा का मानना है कि इस बार सुरेंद्रन वायनाड में राहुल गांधी का डटकर मुकाबला कर सकते हैं.
54 वर्षीय सुरेंद्रन राष्ट्रवाद के मुद्दे पर राजनीति के लिए जाने जाते हैं. वह वाम दलों के गढ़ केरल में मुखरता से राष्ट्रवाद के मुद्दे पर अपनी बात रखते रहे हैं. सुरेंद्रन के खिलाफ 242 आपराधिक मामले दर्ज हैं. सुरेंद्रन ने छात्र जीवन से राजनीति शुरू की थी. वह भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. केरल में भाजपा का जनाधार बढ़ाने के लिए उन्होंने कड़ा संघर्ष किया. इसी कारण 15 फरवरी, 2020 को उन्हें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई.