Key Candidates in Phase 2 Polls: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 राज्यों की 88 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होगा. इस चरण में केरल की 20, कर्नाटक की 14, राजस्थान की 13, उत्तर प्रदेश की आठ, महाराष्ट्र की आठ, मध्य प्रदेश की छह, बिहार की पांच, असम की पांच छत्तीसगढ़ की तीन, पश्चिम बंगाल की तीन, मणिपुर, त्रिपुरा और जम्मू-कश्मीर की एक-एक सीटें शामिल हैं. दूसरे चरण में कुल 1202 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें 100 महिला उम्मीदवार हैं.
हालांकि, पहले इस चरण में 89 सीटों पर मतदान होने थे लेकिन मध्य प्रदेश के एक निर्वाचन क्षेत्र- बैतूल (एसटी) में चुनाव स्थगित कर दिया गया है. यहां अब 7 मई 2024 को तीसरे चरण में मतदान होगा. बसपा ने बैतूल सीट से अशोक भलावी को टिकट दिया था. कुछ दिनों पहले उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई. अब यहां से उनके बेटे अर्जुन भलावी बसपा की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं.
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी, शशि थरूर, वैभव गहलोत, रविंद्र सिंह भाटी, पप्पू यादव, हेमामालिनी, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती समेत कई प्रमुख नेता इस चरण में किस्मत आजमा रहे हैं. आज हम बात करेंगे दूसरे चरण की प्रमुख सीटों के बारे में...
कोटा में ओम बिरला और प्रह्लाद गुंजल में मुकाबला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कोटा से तीसरी बाद चुनाव मैदान में हैं. उन्होंने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की थी. इस उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रह्लाद गुंजल से है. गुंजल पहले भाजपा में थे. वह कोटा-उत्तर से विधायक रह चुके हैं. पिछले साल राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के शांति धारीवाल से हारने के बाद उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी और कांग्रेस में शामिल हो गए. कोटा संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा सीटें- केशोरायपाटन, बूंदी, पीपल्दा, सांगोद, कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण, लाडपुरा और रामगंज मंडी शामिल हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में ओम बिरला ने कांग्रेस उम्मीदवार रामनारायण मीणा को 2,79,677 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. 2014 में उन्होंने 2,00,782 वोटों से जीत दर्ज की थी. भाजपा उम्मीदवार ओम बिरला लगातार तीसरी बार जीत का भरोसा कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस बार भी उन्हें कोटा की जनता का प्यार मिलेगा.
बाड़मेर-जैसलमेर में रविंद्र सिंह भाटी पर सबकी नजरें
राजस्थान की बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार रविंद्र सिंह भाटी, भाजपा के कैलाश चौधरी और कांग्रेस के उम्मेदाराम बेनीवाल के बीच मुकाबला है. लेकिन 26 वर्षीय युवा नेता रविंद्र भाटी ने चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को आकर्षित किया. मौजूदा सांसद और भाजपा उम्मीदवार कैलाश चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों को मुद्दा बनाया. लेकिन राजपूत परिवार से आने वाले रविंद्र सिंह भाटी से उन्हें कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है. भाटी ने पिछले साल हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में शिव सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी, जो बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में आती है. बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में 20 लाख मतदाता हैं. इनमें से लगभग 19 प्रतिशत जाट और 12 प्रतिशत राजपूत मतदाता निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं.
वायनाड में राहुल गांधी को मिल रही कड़ी चुनौती
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी केरल की वायनाड से दूसरी बार चुनाव मैदान में हैं. इस बार उन्हें भाजपा के के. सुरेंद्रन और सीपीआई की एनी राजा से कड़ी चुनौती मिल रही है. वायनाड में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है. एनी राजा सीपीआई महासचिव डी राज की पत्नी हैं और सुरेंद्रन केरल भाजपा के अध्यक्ष हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को कुल 7,06,367 वोट मिले थे. उन्होंने सीपीआई के पीपी सुनीर को चार लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था. वायनाड लोकसभा क्षेत्र में 32 प्रतिशत मुस्लिम और 13 प्रतिशत ईसाई मतदाता हैं. इस बार स्मृति ईरानी समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने सुरेंद्रन के लिए प्रचार किया है.
जोधपुर से गजेंद्र सिंह शेखावत तीसरी बार मैदान में
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान की जोधपुर लोकसभा सीट से तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस ने इस बार उनके खिलाफ करण सिंह उचियारदा को मैदान में उतारा है. यह सीट पर पारंपरिक रूप से कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. लेकिन 2014 और 2019 दोनों लोकसभा चुनावों में शेखावत ने जीत दर्ज की थी. 2019 के लोकसभा चुनाव में शेखावत ने राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को दो लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था. शेखावत को लगभग 8,30,000 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के वैभव गहलोत को लगभग 6,05,000 वोट मिले थे.