नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024 के लिए 5 चरण का मतदान पूरा हो चुका है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) अभी भी दावा कर रही है कि इस बार एनडीए 400 सीट जीतेगा. वहीं, कांग्रेस का कहना है कि अगर बीजेपी को 400 सीट मिल जाती हैं तो संविधान में बदलाव करेगी.
हालांकि, बीजेपी ने कांग्रेस के इन दावों का खंडन किया है. पार्टी का कहना है कि अगर उसे संविधान में बदलाव करना होता तो वह पहले ही कर चुकी होती. वह पिछले 10 साल में सत्ता में है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि संविधान में अब तक संशोधन या बदलाव नहीं हुआ है.
संविधान में सबसे पहला संशोधन जून 1951 में हुआ था. उसके बाद यह सिलसिला आगे भी जारी रहा. गौरतलब है कि अगस्त 2023 तक देश के संविधान में 127 संशोधन हो चुके हैं.वहीं, इमरजेंसी के वक्त इंदिरा गांधी ने संविधान के 40 अनुच्छेद में संशोधन किया थे. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 10 साल की सरकार में भी संविधान में 8 बड़े संशोधन हो चुके हैं. ऐसे में सवाल यह है कि क्या सच संविधान में बदलाव करने के लिए 400 सीट की जरूरत है?
क्या संविधान में हो सकता है बदलाव?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 368 में संसद संविधान के किसी भी प्रावधान में बदलाव कर सकती है. भारत में संविधान में संशोधन की तीन प्रक्रियाएं हैं. पहला साधारण बहुमत के आधार पर, दूसरा संसद के प्रत्येक सदन में विशेष बहुमत के आधार पर. तीसरा संसद के प्रत्येक सदन में विशेष बहुमत और राज्यों के आधे से ज्यादा अधिक विधानमंडलों में साधारण बहुमत के आधार पर.
संविधान में संशोधन के लिए बिल को संसद के दोनों सदनों (राज्यसभा और लोकसभा) में बहुमत से पास करना जरूरी है. इसके बाद विधेयक को राष्ट्रपति के सामने अनुमति के लिए रखा जाता है. राष्ट्रपति को संविधान संशोधन पर अनुमति देनी होती है.