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CPI(M) जम्मू-कश्मीर की लड़ाई से पांचवीं बार हुई बाहर, कम्युनिस्ट नेता का ऐलान - Lok Sabha Elections 2024 - LOK SABHA ELECTIONS 2024

Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने जम्मू-कश्मीर में लड़ाई से दूर रहने का विकल्प चुना है. यह पांचवीं बार है जब पार्टी ने राज्य में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. पढ़ें पूरी खबर...

Lok Sabha Elections 2024 CPI(M) Opts Out for Fifth Time From J&K Battle
CPI(M) जम्मू-कश्मीर की लड़ाई से पांचवीं बार हुई बाहर, तारिगामी ने किया ऐलान

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Apr 12, 2024, 1:33 PM IST

श्रीनगर: पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों में अपनी मजबूत पकड़ के लिए के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने इस साल जम्मू और कश्मीर में लोकसभा चुनाव लड़ने से परहेज किया है. दरअसल, CPI(M) 1999 से जम्मू और कश्मीर में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही है. यह पांचवीं बार है जब पार्टी ने राज्य में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. पार्टी का यह चलन 1999 से जारी है.

बता दें, राज्य विधानसभा चुनावों में लगातार भागीदारी के कारण पार्टी संसदीय चुनावों में उम्मीदवार खड़ा करने से बचती है. वहीं, पार्टी बिना किसी प्रतिनिधित्व के क्षेत्र में पांचवीं सबसे बड़ी पार्टी के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी हुई है. अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र के पिछले चुनावी इतिहास को देखते हुए यह निर्णय विशेष महत्व रखता है.

CPI(M) के उम्मीदवार मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने 1999 में चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें 15,649 वोट ही मिला. उन्होंने तब तीसरा स्थान हासिल किया था. वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अली मोहम्मद नाइक 38,745 वोटों के साथ इलाके के संसद के लिए चुने गए थे, जबकि पीडीपी के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. जहां उन्हें 25,253 वोट पड़े थे. उन्होंने इलाके में दूसरा स्थान हासिल किया था. मोहम्मद यूसुफ तारिगामी हार के बाद भी क्षेत्र में किसानों और मजदूरों की चिंताओं की वकालत करते रहे. परिणाम स्वरूप, 1996 से 2014 तक उन्हें कई बार कुलगाम निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुना गया.

तारिगामी के मुताबिक, हालांकि इस बार उनकी पार्टी से कोई उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ रहा है, लेकिन पार्टी गरीबों और मजदूर वर्ग के हितों के लिए लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है. तारिगामी ने हाल ही में चुनाव ना लड़ने के अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी वोटों को विभाजित नहीं करेगी, जिससे संभावित रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता हासिल करने से रोका जा सकेगा. यह निर्णय भाजपा का मुकाबला करने के लिए भारतीय गुट के भीतर अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ जुड़ने के उनके रणनीतिक दृष्टिकोण को रेखांकित करता है.

इस बीच, राजनीतिक विश्लेषक कम्युनिस्ट पार्टी के रुख को विपक्षी वोटों को एकजुट करने के लिए एक सोची-समझी चाल के रूप में देखते हैं, खासकर भाजपा के खिलाफ, जो इस क्षेत्र में लगातार अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है. चुनावी मैदान से बाहर होने से पार्टी का लक्ष्य भाजपा विरोधी वोट बैंक को कमजोर होने से बचाना है, जिससे अन्य विपक्षी उम्मीदवारों की संभावना अधिकतम हो सके.

बता दें, 2024 के संसदीय चुनावों का पहला चरण 19 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर में शुरू होने वाला है. जो क्षेत्र की पांच लोकसभा सीटों पर चुनावी गतिविधि की शुरुआत का प्रतीक है. नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी), और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रमुख दावेदार हैं, प्रत्येक अपने-अपने गढ़ों में प्रभुत्व का दावा करने का प्रयास कर रहे हैं.

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