श्रीनगर: पश्चिम बंगाल और केरल जैसे राज्यों में अपनी मजबूत पकड़ के लिए के लिए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने इस साल जम्मू और कश्मीर में लोकसभा चुनाव लड़ने से परहेज किया है. दरअसल, CPI(M) 1999 से जम्मू और कश्मीर में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रही है. यह पांचवीं बार है जब पार्टी ने राज्य में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. पार्टी का यह चलन 1999 से जारी है.
बता दें, राज्य विधानसभा चुनावों में लगातार भागीदारी के कारण पार्टी संसदीय चुनावों में उम्मीदवार खड़ा करने से बचती है. वहीं, पार्टी बिना किसी प्रतिनिधित्व के क्षेत्र में पांचवीं सबसे बड़ी पार्टी के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी हुई है. अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र के पिछले चुनावी इतिहास को देखते हुए यह निर्णय विशेष महत्व रखता है.
CPI(M) के उम्मीदवार मोहम्मद यूसुफ तारिगामी ने 1999 में चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें 15,649 वोट ही मिला. उन्होंने तब तीसरा स्थान हासिल किया था. वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अली मोहम्मद नाइक 38,745 वोटों के साथ इलाके के संसद के लिए चुने गए थे, जबकि पीडीपी के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. जहां उन्हें 25,253 वोट पड़े थे. उन्होंने इलाके में दूसरा स्थान हासिल किया था. मोहम्मद यूसुफ तारिगामी हार के बाद भी क्षेत्र में किसानों और मजदूरों की चिंताओं की वकालत करते रहे. परिणाम स्वरूप, 1996 से 2014 तक उन्हें कई बार कुलगाम निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुना गया.