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बांग्लादेश के हालात क्या सुधार पाएंगे डॉ.यूनुस? अंतरिम सरकार की क्षमता पर बोले हसीना के बेटे साजीब - Sajeeb Wazed Joy Interviews

Sajeeb Wazed Joy Exclusive: ईटीवी भारत की संवाददाता चंद्रकला चौधरी के साथ बातचीत में सजीब वाजेद जॉय ने आरोप लगाया कि शेख हसीना की सरकार के पतन का कारण बांग्लादेश में अशांति विदेशी खुफिया, विशेष रूप से पाकिस्तान की आईएसआई से जुड़ी हो सकती है. उन्होंने स्थिति को प्रभावी ढंग से संभालने में नई अंतरिम सरकार की क्षमता पर संदेह व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि, उनकी मां शेख हसीना अपनी भविष्य की योजनाओं पर विचार कर रही हैं और सुरक्षा के साथ-साथ बांग्लादेश में संभावित वापसी पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं. ईटीवी भारत की संवाददाता चंद्रकला चौधरी ने साजीब से खास बातचीत की.

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साजीब वाजेद जॉय (IANS)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 9, 2024, 3:34 PM IST

नई दिल्ली:पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे साजीब वाजेद जॉय ने बांग्लादेश में अंतरिम सरकार पर टिप्पणी करते हुए देश की वर्तमान स्थिति पर अपने विचार प्रकट किए. बता दें कि, बांग्लादेश में कई दिनों की अशांति और राजनीतिक उथल-पुथल के बाद अंतरिम सरकार का गठन हो गया है. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने गुरुवार को देश में अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली है.वहीं ईटीवी भारत से विशेष साक्षात्कार में साजीब वाजेद जॉय ने कहा कि, अंतरिम सरकार देश पर कैसे शासन करती है यह देखना महत्वपूर्ण होगा.

शेख हसीना के बेटे साजीब वाजेद जॉय से खास बातचीत (ETV Bharat)

अंतरिम सरकार की क्षमता पर संदेह!
उन्होंने कहा, "बांग्लादेश में कोई कानून-व्यवस्था नहीं है, हिंसा लूटपाट और डकैती जारी है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि, ढाका में सेना तैनात होने की वजह से इसलिए इलाकों में शांति कायम है लेकिन अन्य इलाकों में हिंसा और लूटपाट जारी है. अंतरिम सरकार के प्रमुख डॉ. यूनुस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, "वे (डॉ. यूनुस) दूसरी आजादी की बात कर रहे हैं, खैर, देखते हैं कि क्या वह देश में कानून-व्यवस्था बहाल कर पाते हैं... हम देखेंगे कि वह कितना सक्षम है."

बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन, अब आगे क्या?
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस, जो हाल ही में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए बांग्लादेश लौटे थे, ने उन घातक विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी, जिनके कारण शेख हसीना को सत्ता से बाहर होना पड़ा. यूनुस ने कहा कि विरोध प्रदर्शन में मारे गए लोगों के बलिदान से देश को "दूसरी आजादी" मिली.

हसीना ने देश छोड़ा, यूनुस ने कहा, देश को दूसरी आजादी मिली
कार्यवाहक सरकार का नेतृत्व करने के लिए देश लौटने के तुरंत बाद उन्होंने कहा था, "आज हमारे लिए एक गौरवशाली दिन है....बांग्लादेश ने एक नया विजय दिवस रचा है... देश को दूसरी आजादी मिल गई है. वहीं, बांग्लादेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम का जिक्र करते हुए हसीना के बेटे साजीब ने आगे आरोप लगाया कि पाकिस्तान की आईएसआई बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति फैलाने की साजिश में शामिल हो सकती है.

क्या सरकार पतन के लिए विदेशी खुफिया सेवा जिम्मेदार है?
उन्होंने देश की स्थिति का जिक्र करते हुए यह भी कहा कि, "एक बार जब प्रदर्शनकारियों ने सरकार को हटाने के लिए आंदोलन करना शुरू कर दिया, तो उन्होंने पुलिस स्टेशनों पर हमला करना शुरू कर दिया." उन्होंने कहा कि, इस दौरान पुलिस स्टेशनों पर हमला करने वाले लोग बंदूकों से लैस थे जबकि बांग्लादेश में बंदूकें हासिल करना बहुत मुश्किल है. उन्होंने दावा किया कि, हमला करने वाले लोगों को किसी ने बंदूकें मुहैया करवाई थी. उनका दावा है कि, लोगों के हाथों में बंदूक थमाने की साजिश में विदेशी खुफिया सेवा शामिल थी.

मोहम्मद यूनुस बने अंतरिम सरकार के प्रमुख
बता दें कि, नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार रात बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली. मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली नई कार्यवाहक सरकार को राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने शपथ दिलाई. देश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद शेख हसीना को बांग्लादेश की प्रधान मंत्री पद से हटाए जाने के तीन दिन बाद यह घटनाक्रम सामने आया.

बांग्लादेश में ऐसा हो जाएगा, हसीना को अंदाजा नहीं था
साजीब ने ईटीवी भारत को बताया कि उनकी मां शेख हसीना को बांग्लादेश में इस तरह की स्थिति उत्पन्न होने की नहीं थी. "वह तय कर रही है कि आगे क्या करना है. हमारी पहली प्राथमिकता हमारे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है."

अब कहां शरण लेंगी शेख हसीना, बेटे ने किया खुलासा
देश छोड़ने के बाद लोग यह जानना चाह रहे हैं कि, आखिर शेख कहां शरण लेंगी. इस पर साजीब ने दावा किया कि उनकी मां हसीना ने कहीं भी शरण के लिए आवेदन नहीं किया है और न ही इस पर कोई निर्णय लिया है. उन्होंने आगे कहा, "वह (शेख हसीना) वास्तव में जो योजना बना रही थीं वह अंततः लोकतंत्र बहाल होने के बाद बांग्लादेश वापस जाने की थी. वह राजनीति में सक्रिय होंगी या नहीं, यह अप्रासंगिक है लेकिन उनका लक्ष्य था कि यह उनका आखिरी कार्यकाल होगा और वह सेवानिवृत्त होकर अपने गांव के घर में रहेंगी.''

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