नई दिल्ली/ अमृतसर:गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर उसका परिवार हर साल 35-40 लाख रुपये तक खर्च करता है. गैंगस्टर के चचेरे भाई ने यह खुलासा किया है. 50 वर्षीय रमेश बिश्नोई ने यह भी कहा कि परिवार ने कभी नहीं सोचा था कि 31 वर्षीय लॉरेंस अपराधी बन जाएगा, जो कि पंजाब विश्वविद्यालय से कानून स्नातक है.
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए रमेश ने कहा, "हम हमेशा से अमीर रहे हैं. लॉरेंस के पिता हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल थे और हम गांव में 110 एकड़ जमीन के मालिक हैं. लॉरेंस हमेशा महंगे कपड़े और जूते पहनता था. अब भी परिवार जेल में बंद उस पर सालाना 35-40 लाख रुपये खर्च करता है."
पंजाब के फिरोजपुर का रहने वाले लॉरेंस बिश्नोई का असली नाम बलकरन बराड़ है. लेकिन स्कूल के दिनों में वह 'लॉरेंस' बन गया और कथित तौर पर अपनी चाची के सुझाव पर उसने अपना नाम 'लॉरेंस बिश्नोई' रख लिया.
मीडिया रिपोर्ट में लॉरेंस बिश्नोई के घर का दौरा करने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से हवाले से बताया गया है कि उसके पिता लविंदर बिश्नोई और मां सुनीता बेटे को लेकर हमेशा चिंतित रहते हैं.
पिछले कुछ वर्षों में, उसका नाम कई हाई-प्रोफाइल मामलों में सामने आया, जिसमें 12 अक्टूबर को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की मुंबई में गोली मारकर की गई हत्या भी शामिल है. सिद्दीकी बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के करीबी दोस्त थे. माना जाता है कि सलमान के साथ सिद्दीकी की दोस्ती ने एनसीपी नेता की हत्या का कारण बनी. मई 2022 में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भी बिश्नोई गैंग का नाम सामने आया था. गैंग इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी.
बीते दिनों कनाडाई पुलिस ने आरोप लगाया कि लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के सदस्य भारत सरकार के 'एजेंटों' के 'सहयोग' से कनाडा की धरती पर 'हिंसक' गतिविधियों में शामिल थे. हालांकि, भारत ने इन आरोपों का खंडन किया है.
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के पास 650 से ज्यादा शूटर
एनआईए की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग के पास 650 से ज्यादा शूटर हैं. एनआईए ने लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ समेत 16 गैंगस्टरों के खिलाफ यूएपीए के तहत चार्जशीट भी दाखिल की है. एनआईए की चार्जशीट से पता चला है कि लॉरेंस बिश्नोई और उसके आतंकी सिंडिकेट ने तेजी से अपना विस्तार किया है.
एनआईए की जांच में पता चला है कि लॉरेंस बिश्नोई गैंग द्वारा युवाओं को कनाडा या उनकी पसंद के अन्य देशों में जाने का झांसा देकर बहलाया जाता है और उन्हें गैंग में शामिल किया जाता है. फिलहाल बिश्नोई गैंग पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, झारखंड और अन्य राज्यों में फैल चुका है.
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