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कोलकाता रेप-मर्डर केस: डॉक्टरों का दूसरे चरण का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना - Kolkata Rape Case

Doctors planning nationwide phase 2 protest: रेजिडेंट डॉक्टर कोलकाता रेप-मर्डर मामले में अब तक की कार्रवाई से असंतुष्ट हैं. वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार के रवैयै से बेहद नाराज हैं. इसे देखते हुए रेजिडेंट डॉक्टर दूसरे चरण का देशव्यापी विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं. पढ़ें ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

Kolkata Doctor Murder Rape Case
डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन (प्रतीकात्मक फोटो) (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 12, 2024, 8:05 AM IST

Updated : Sep 12, 2024, 1:02 PM IST

नई दिल्ली: देश भर के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशनों ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन फिर से शुरू करने की चेतावनी दी है. सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से काम पर लौटने का आग्रह तब किया जब पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा हड़ताल की वजह से कई मरीजों की जान चली गई. राज्य सरकार के इस रवैये से डॉक्टरों में नाराजगी है.

फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) इंडिया ने कहा, '9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हमारे सहकर्मी के साथ हुए क्रूर बलात्कार और हत्या के मामले में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के बयानों से हमें निराशा हुई.' सरकार को आंदोलन के दूसरे चरण की चेतावनी देते हुए फोर्डा (FORDA) ने कहा कि 'अभया के लिए न्याय' के प्रति पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दिखाई गई उदासीनता भयावह है!

फोर्डा ने कहा, 'न्याय के बजाय हर सरकार और कानूनी मशीनरी गलत तरीके से विरोध पर ध्यान केंद्रित कर रही है. हम इस आंदोलन के संभावित चरण 2 के साथ इसे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं. सरकार चिकित्सा बिरादरी की सामूहिक आवाज को चुप नहीं करा सकती है.' इसमें कहा गया है कि यह न केवल न्यायालय की निष्क्रियता है, बल्कि कपिल सिब्बल के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत भयावह बचाव भी है, जिसने हमें स्तब्ध कर दिया है.

फोर्डा ने कहा, 'वे अब तुच्छ हथकंडे अपना रहे हैं, झूठे आंकड़े बता रहे हैं और हमारे विरोध की वैधता को कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं. ये हरकतें न केवल अभया की स्मृति के लिए अपमानजनक हैं, बल्कि पूरे चिकित्सा जगत के लिए भी अपमानजनक हैं, जो न्याय की इस लड़ाई में एकजुट हैं.'

एसोसिएशन ने दोहराया कि पश्चिम बंगाल में स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त नहीं हुई हैं क्योंकि वरिष्ठ डॉक्टर लगातार मेहनत से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. फोर्डा (FORDA) ने कहा, 'जूनियर डॉक्टरों को अस्पतालों में मौतों या अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार बताना आंदोलन को बदनाम करने की जानबूझकर की गई कोशिश है. न्याय को तेजी से आगे बढ़ाने के बजाय, राज्य सरकार की मशीनरी ने डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध करके आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की है. यहां तक ​​कि न्यायपालिका भी इसमें शामिल रही है.'

आंदोलन के दूसरे चरण की शुरुआत करने के लिए फोर्डा (FORDA) ने सभी हितधारक (RDA) के साथ अपनी चर्चा शुरू कर दी है. दिल्ली स्थित एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने देश भर के सभी रेजिडेंट डॉक्टरों से न्याय की लड़ाई में शामिल होने का आह्वान किया है.

आरडीए एम्स ने कहा, 'हाल ही में हुई घटनाओं ने हमें बहुत निराश किया है. इसमें रेजिडेंट डॉक्टरों की जायज मांगों की घोर उपेक्षा और जांच में लगातार प्रगति न होना शामिल है. ठोस कार्रवाई करने के बजाय, प्रदर्शनकारी डॉक्टरों पर दोष मढ़ने की सरकार की कोशिश अस्वीकार्य है और इससे अधिकारियों पर भरोसा खत्म होगा.'

अखिल भारतीय रेजिडेंट और जूनियर डॉक्टर्स संयुक्त कार्रवाई मंच (AIJAF) ने भी दोषियों को शीघ्र और कठोर सजा देने की मांग को तेज करने के लिए एक बड़े आंदोलन का आह्वान किया है. एआईजेएएफ ने कहा, 'हम न्यायपालिका से इस मामले को प्राथमिकता देने और शीघ्र न्याय देने का आग्रह करते हैं, ताकि निवासियों और डॉक्टरों को कुछ राहत मिल सके.

ये भी पढ़ें- कोलकाता रेप-मर्डर केस: सुप्रीम कोर्ट ने डॉक्टरों से कल शाम 5 बजे तक काम पर लौटने का आग्रह किया
Last Updated : Sep 12, 2024, 1:02 PM IST

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