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NDDB लैब की रिपोर्ट में तिरुपति के प्रसाद में पशु चर्बी की पुष्टि, CM चंद्रबाबू नायडू ने जानवरों की चर्बी मिले होने का लगाया था आरोप - TTD Laddu prasadam

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 12 hours ago

Chandrababu Naidu alleged animal fat used in Tirupati Laddu Prasad in Jagan govt: आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने पिछली वाईएसआरसीपी जगन सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उनका दावा है कि जगन सरकार में तिरुपति बालाजी मंदिर में बनने वाले लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया. वहीं एनडीडीबी काल्फ लैब की रिपोर्ट में वाईएसआरसीपी शासन के दौरान इस्तेमाल किए गए घी में पशु चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि हुई है.

आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू
आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू (ANI)

अमरावती: आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि पिछली वाईएसआरसीपी जगन सरकार के कार्यकाल में तिरुपति बालाजी मंदिर में बनाए जाने वाले लड्डू प्रसाद में घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था. तिरुपति बालाजी मंदिर (टीटीडी) लड्डू प्रसाद तिरुपति के प्रतिष्ठित श्री वेंकटेश्वर मंदिर में दिया जाता है. वहीं एनडीडीबी काल्फ लैब की रिपोर्ट में वाईएसआरसीपी शासन के दौरान इस्तेमाल किए गए घी में पशु चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि हुई है.

अमरावती में एनडीए विधायकों की बैठक को संबोधित करते हुए चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया, 'तिरुमाला के लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाए गए थे. उस दौरान घी में जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया. चंद्रबाबू ने जोर देकर कहा कि अब शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जा रहा है और टीटीडी में हर चीज को सैनिटाइज किया गया है और गुणवत्ता में सुधार किया गया है.

दूसरी ओर आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने भी इस मुद्दे पर जगन मोहन रेड्डी पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, 'तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर हमारा सबसे पवित्र मंदिर है. मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल में टीटीडी प्रसाद में घी की जगह पशु की चर्बी का इस्तेमाल किया गया.

दूसरी ओर वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व टीटीडी अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के आरोपों को 'दुर्भावनापूर्ण' बताया और कहा कि टीडीपी सुप्रीमो राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं.

वाईवी सुब्बा रेड्डी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, 'तिरुमाला प्रसादम के बारे में उनकी टिप्पणी बेहद दुर्भावनापूर्ण है. कोई भी व्यक्ति ऐसे शब्द नहीं बोलेगा या ऐसे आरोप नहीं लगाएगा. सुब्बा रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि वह भक्तों के विश्वास को मजबूत करने के लिए देवता के सामने अपने परिवार के साथ इस मुद्दे पर शपथ लेंगे और पूछा कि क्या नायडू ऐसा करेंगे?

टीडीपी नेता पट्टाभि राम कोमारेड्डी का बड़ा आरोप

तिरुमाला के लड्डू प्रसादम विवाद पर टीडीपी नेता पट्टाभि राम कोमारेड्डी ने कहा, 'हम सभी जानते हैं कि 2019 से 2024 के बीच मुख्यमंत्री के तौर पर जगन मोहन रेड्डी ने अपने ही चाचाओं को टीटीडी (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) का अध्यक्ष नियुक्त किया था. वाईवी सुब्बा रेड्डी और करुणाकर रेड्डी दोनों वाईएस जगन मोहन रेड्डी के करीबी परिवार के सदस्य हैं.'

कोमारेड्डी ने कहा कि टीटीडी में अपने ही चाचाओं को नियुक्त करके उन्होंने टीटीडी के फंड की लूट शुरू कर दी. सत्ता में आने के तुरंत बाद हमने टीटीडी में सतर्कता जांच का आदेश दिया और सतर्कता विभाग द्वारा प्रस्तुत एक प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि 530 करोड़ रुपये की धनराशि लूटी गई और उसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि प्रसादम बनाने के लिए जिस घी का इस्तेमाल किया गया था, उसने लैब टेस्ट को भी दरकिनार कर दिया था.

इस बात के संकेत मिले हैं कि तिरुमाला में भगवान बालाजी के प्रसादम को बनाने के लिए जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था. एनडीए की बैठक में विधायकों को संबोधित करते हुए हमारे सीएम ने बुधवार को इस तथ्य को जानने के बाद अपनी पीड़ा व्यक्त किया. हमने देखा है कि कैसे जगन रेड्डी ने अपने चाचाओं के साथ मिलकर टीटीडी के दर्शनम टिकट काले बाजार में बेचे थे. उन्होंने श्रीवाणी ट्रस्ट के धन को लूटा है. इसके अलावा, जगन रेड्डी के शासन में पिछले पांच वर्षों में कई बार तीर्थयात्रियों ने दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता के खिलाफ विरोध किया है.

एनडीडीबी लैब की रिपोर्ट में टीटीडी घी में पशु चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि

एनडीडीबी काल्फ लैब की रिपोर्ट में वाईएसआरसीपी शासन के दौरान इस्तेमाल किए गए घी में पशु चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि हुई है. बताया गया है कि तिरुपति लड्डू में घी के संबंध में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की लैब में परीक्षण किए गए हैं. तेलुगु देशम पार्टी द्वारा जारी की गई लैब रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि घी में मछली का तेल, पाम ऑयल और बीफ में पाए जाने वाले तत्व मिलाए गए हैं.

एनडीडीबी लैब की रिपोर्ट में वाईएसआरसीपी शासन के दौरान इस्तेमाल किए गए घी में पशु चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि हुई है. रिपोर्ट में शामिल बिंदुओं का हवाला देते हुए तेलुगु देशम पार्टी के राज्य प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने जगन के खिलाफ बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक लैब ने पुष्टि की है कि वाईएसआरसीपी शासन के दौरान इस्तेमाल किए गए घी में पशु चर्बी है.

रिपोर्ट के अनुसार, गाय के घी में सोयाबीन, लोबिया, जैतून, गेहूं, मक्का, कपास, मछली का तेल, गाय का मांस, ताड़ का तेल और सूअर की चर्बी है. उन्होंने कहा कि वाईएसआरसीपी नेताओं द्वारा की गई अराजकता का खुलासा एनडीडीबी काल्फ लैब के माध्यम से हुआ है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है. इन सबूतों से साबित होता है कि घी की खरीद में कोई गुणवत्ता नहीं देखी गई है.

उन्होंने कहा कि गुणवत्ता वाले घी की कीमत 1000 रुपये से अधिक है और वाईएसआरसीपी सरकार ने 320 रुपये में घी के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं. उन्होंने पूछा कि क्या कोई है जो 320 रुपये में गुणवत्ता वाला घी देगा कि चार लोगों को घी के लिए निविदा अनुबंध दिया गया था. उन्होंने कहा कि 15 हजार किलो घी का टेंडर रिश्वत के लिए दिया गया था. उन्होंने कहा कि गाय के घी के मामले में कोई प्रयोगशाला प्रमाणन नहीं है. अनम ने सवाल किया कि क्या वाईएसआरसीपी नेता घी प्रमाणन के लिए 75 लाख रुपये से प्रयोगशाला स्थापित करने की स्थिति में नहीं हैं. घी के बारे में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की लैब में जांच की गई. इसमें पाया गया कि घी में मछली का तेल, पाम ऑयल और गोमांस के तत्व मिलाए गए हैं. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि घी में पशु चर्बी मिलाई गई है.

ये भी पढ़ें-सीएम चंद्रबाबू नायडू ने बाढ़ पीड़ितों के लिए किया विशेष पैकेज का ऐलान, जानें किसको-कितना मिलेगा मुआवजा?

अमरावती: आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि पिछली वाईएसआरसीपी जगन सरकार के कार्यकाल में तिरुपति बालाजी मंदिर में बनाए जाने वाले लड्डू प्रसाद में घटिया सामग्री और जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था. तिरुपति बालाजी मंदिर (टीटीडी) लड्डू प्रसाद तिरुपति के प्रतिष्ठित श्री वेंकटेश्वर मंदिर में दिया जाता है. वहीं एनडीडीबी काल्फ लैब की रिपोर्ट में वाईएसआरसीपी शासन के दौरान इस्तेमाल किए गए घी में पशु चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि हुई है.

अमरावती में एनडीए विधायकों की बैठक को संबोधित करते हुए चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया, 'तिरुमाला के लड्डू भी घटिया सामग्री से बनाए गए थे. उस दौरान घी में जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया. चंद्रबाबू ने जोर देकर कहा कि अब शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जा रहा है और टीटीडी में हर चीज को सैनिटाइज किया गया है और गुणवत्ता में सुधार किया गया है.

दूसरी ओर आंध्र प्रदेश के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने भी इस मुद्दे पर जगन मोहन रेड्डी पर निशाना साधा. उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, 'तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर हमारा सबसे पवित्र मंदिर है. मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी के कार्यकाल में टीटीडी प्रसाद में घी की जगह पशु की चर्बी का इस्तेमाल किया गया.

दूसरी ओर वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व टीटीडी अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के आरोपों को 'दुर्भावनापूर्ण' बताया और कहा कि टीडीपी सुप्रीमो राजनीतिक लाभ के लिए किसी भी स्तर तक गिर सकते हैं.

वाईवी सुब्बा रेड्डी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, 'तिरुमाला प्रसादम के बारे में उनकी टिप्पणी बेहद दुर्भावनापूर्ण है. कोई भी व्यक्ति ऐसे शब्द नहीं बोलेगा या ऐसे आरोप नहीं लगाएगा. सुब्बा रेड्डी ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि वह भक्तों के विश्वास को मजबूत करने के लिए देवता के सामने अपने परिवार के साथ इस मुद्दे पर शपथ लेंगे और पूछा कि क्या नायडू ऐसा करेंगे?

टीडीपी नेता पट्टाभि राम कोमारेड्डी का बड़ा आरोप

तिरुमाला के लड्डू प्रसादम विवाद पर टीडीपी नेता पट्टाभि राम कोमारेड्डी ने कहा, 'हम सभी जानते हैं कि 2019 से 2024 के बीच मुख्यमंत्री के तौर पर जगन मोहन रेड्डी ने अपने ही चाचाओं को टीटीडी (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) का अध्यक्ष नियुक्त किया था. वाईवी सुब्बा रेड्डी और करुणाकर रेड्डी दोनों वाईएस जगन मोहन रेड्डी के करीबी परिवार के सदस्य हैं.'

कोमारेड्डी ने कहा कि टीटीडी में अपने ही चाचाओं को नियुक्त करके उन्होंने टीटीडी के फंड की लूट शुरू कर दी. सत्ता में आने के तुरंत बाद हमने टीटीडी में सतर्कता जांच का आदेश दिया और सतर्कता विभाग द्वारा प्रस्तुत एक प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया कि 530 करोड़ रुपये की धनराशि लूटी गई और उसी रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि प्रसादम बनाने के लिए जिस घी का इस्तेमाल किया गया था, उसने लैब टेस्ट को भी दरकिनार कर दिया था.

इस बात के संकेत मिले हैं कि तिरुमाला में भगवान बालाजी के प्रसादम को बनाने के लिए जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था. एनडीए की बैठक में विधायकों को संबोधित करते हुए हमारे सीएम ने बुधवार को इस तथ्य को जानने के बाद अपनी पीड़ा व्यक्त किया. हमने देखा है कि कैसे जगन रेड्डी ने अपने चाचाओं के साथ मिलकर टीटीडी के दर्शनम टिकट काले बाजार में बेचे थे. उन्होंने श्रीवाणी ट्रस्ट के धन को लूटा है. इसके अलावा, जगन रेड्डी के शासन में पिछले पांच वर्षों में कई बार तीर्थयात्रियों ने दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता के खिलाफ विरोध किया है.

एनडीडीबी लैब की रिपोर्ट में टीटीडी घी में पशु चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि

एनडीडीबी काल्फ लैब की रिपोर्ट में वाईएसआरसीपी शासन के दौरान इस्तेमाल किए गए घी में पशु चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि हुई है. बताया गया है कि तिरुपति लड्डू में घी के संबंध में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की लैब में परीक्षण किए गए हैं. तेलुगु देशम पार्टी द्वारा जारी की गई लैब रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि घी में मछली का तेल, पाम ऑयल और बीफ में पाए जाने वाले तत्व मिलाए गए हैं.

एनडीडीबी लैब की रिपोर्ट में वाईएसआरसीपी शासन के दौरान इस्तेमाल किए गए घी में पशु चर्बी की मौजूदगी की पुष्टि हुई है. रिपोर्ट में शामिल बिंदुओं का हवाला देते हुए तेलुगु देशम पार्टी के राज्य प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने जगन के खिलाफ बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक लैब ने पुष्टि की है कि वाईएसआरसीपी शासन के दौरान इस्तेमाल किए गए घी में पशु चर्बी है.

रिपोर्ट के अनुसार, गाय के घी में सोयाबीन, लोबिया, जैतून, गेहूं, मक्का, कपास, मछली का तेल, गाय का मांस, ताड़ का तेल और सूअर की चर्बी है. उन्होंने कहा कि वाईएसआरसीपी नेताओं द्वारा की गई अराजकता का खुलासा एनडीडीबी काल्फ लैब के माध्यम से हुआ है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है. इन सबूतों से साबित होता है कि घी की खरीद में कोई गुणवत्ता नहीं देखी गई है.

उन्होंने कहा कि गुणवत्ता वाले घी की कीमत 1000 रुपये से अधिक है और वाईएसआरसीपी सरकार ने 320 रुपये में घी के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं. उन्होंने पूछा कि क्या कोई है जो 320 रुपये में गुणवत्ता वाला घी देगा कि चार लोगों को घी के लिए निविदा अनुबंध दिया गया था. उन्होंने कहा कि 15 हजार किलो घी का टेंडर रिश्वत के लिए दिया गया था. उन्होंने कहा कि गाय के घी के मामले में कोई प्रयोगशाला प्रमाणन नहीं है. अनम ने सवाल किया कि क्या वाईएसआरसीपी नेता घी प्रमाणन के लिए 75 लाख रुपये से प्रयोगशाला स्थापित करने की स्थिति में नहीं हैं. घी के बारे में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की लैब में जांच की गई. इसमें पाया गया कि घी में मछली का तेल, पाम ऑयल और गोमांस के तत्व मिलाए गए हैं. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि घी में पशु चर्बी मिलाई गई है.

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