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कोलकाता रेप-मर्डर : क्या है मामला, क्यों मचा हंगामा, अब तक क्या-क्या हुआ, जानें - Kolkata Murder Case - KOLKATA MURDER CASE

Kolkata Lady Doctor Rape: कोलकाता लेडी डॉक्टर रेप-हत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम फोरेंसिक और मेडिकल विशेषज्ञों के साथ कोलकाता पहुंच चुकी है. इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

कोलकाता लेडी डॉक्टर रेप-हत्या मामला
कोलकाता लेडी डॉक्टर रेप-हत्या मामला (ANI)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 14, 2024, 5:59 PM IST

Updated : Aug 14, 2024, 10:59 PM IST

कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक लेडी ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और फिर उसकी हत्या का मामला पूरे देश में गर्माया हुआ है. इस जघन्य अपराध के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. कोलकाता हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दिया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष टीम जांच शुरू करने के लिए फोरेंसिक और मेडिकल विशेषज्ञों के साथ बुधवार को कोलकाता पहुंची. राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत सभी दलों के नेताओं ने इस घटना की निंदा की है.

डॉक्टरों के संगठन फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) के पदाधिकारियों ने बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात की और अपनी हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया. फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) ने मंगलवार रात हड़ताल जारी रखने का दावा किया था. सोशल मीडिया एक्स पर FAIMA डॉक्टर्स एसोसिएशन ने घोषणा की कि हमने पूरे भारत में सभी संबद्ध आरडीए के साथ बैठक की.

विरोध प्रदर्शन करते डॉक्टर (ANI)

क्या है पूरा मामला ?
पूरा मामला आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है. यह कॉलेज कोलकाता में है. हर रोज की तरह सेकंड ईयर की एक पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर की यहां पर ड्यूटी लगी थी. आठ अगस्त की रात को महिला डॉक्टर ने अपने साथियों के साथ डिनर किया. रात के दो बजे वह सेमिनार हॉल में आराम कर रही थी. क्योंकि अस्पताल में लेडी डॉक्टर के आराम करने के लिए कोई कमरा नहीं था, इसलिए वह सेमिनार हॉल चली गई थी. सुबह नौ बजे उसका शव बरामद हुआ. पुलिस के मुताबिक उसकी बॉडी अर्ध नग्न अवस्था में थी.

अस्पताल प्रशासन ने घर वालों को कॉल किया. घर वालों ने बताया कि अस्पताल की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक उसकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है. घर वालों को इस पर यकीन नहीं हुआ. उसके बाद वे लोग अस्पताल पहुंचे. लेडी डॉक्टर के माता-पिता ने बेटी के साथ रेप की आशंका जताई और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए. मामला तूल पकड़ने के बाद पोस्टमार्टम कराया गया.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पीड़िता की बॉडी पर गंभीर चोट के निशान हैं. उसके साथ रेप की पुष्टि की गई है. हालांकि, अभी तक यह नहीं पता चल सका है कि रेप किसी एक व्यक्ति ने किया, या फिर एक से अधिक आरोपी शामिल थे.

शव परीक्षण से चौंकाने वाले तथ्य सामने आए
प्रारंभिक शव परीक्षण रिपोर्ट से संकेत मिला है कि पीड़िता की हत्या से पहले उसका यौन उत्पीड़न किया गया था. परीक्षण में आत्महत्या की संभावना को खारिज कर दिया गया और मृतका के शरीर पर कई चोटें पाई गईं, जिनमें टूटी हुई हड्डियां और शरीर के विभिन्न हिस्सों से खून बहना शामिल है. इतना ही नहीं उसकी नाक और मुंह भी ढका हुआ था, जिससे पता चलता है कि उसकी मदद के लिए लगाई गई उसकी चीख को दबाने के लिए उसके सिर को दीवार या फर्श पर जोर से दबाया गया था. ऐसा माना जा रहा है कि घटना सुबह 3 बजे से 6 बजे के बीच हुई थी. बॉडी पर गला घोंटने के निशान भी मिले हैं.

वहीं, अखिल भारतीय सरकारी डॉक्टर संघ के अतिरिक्त महासचिव डॉ. सुवर्ण गोस्वामी ने दावा किया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि महिला डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट से 151 ग्राम लिक्विड मिला है. उनका दावा है कि इतनी ज्यादा मात्रा में महिला के प्राइवेट पार्ट से लिक्विड मिलने का मतलब है कि यह किसी एक शख्स का काम नहीं है. डॉ. का दावा है कि रिपोर्ट से इस जघन्य अपराध में कई लोगों के शामिल हो सकते हैं.

कॉलेज प्रिंसिपल पर उठे गंभीर सवाल
आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रमुख डॉ संदीप घोष को मामले के दौरान उनके नेतृत्व और रेस्पांस पर चिंता जताए जाने के बाद उन्हें छुट्टी पर जाने के लिए कहा गया. डॉ घोष को पीड़ित को दोषी ठहराने वाली टिप्पणियों और कर्मचारियों के लिए पर्याप्त सुरक्षा बनाए रखने में विफल रहने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया. हालांकि, उन्हें 24 घंटे बाद ही कलकत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में बहाल कर दिया गया.

मेडिकल समुदाय ने इस पर क्या प्रतिक्रिया दी?
अस्पताल के PGT डॉक्टरों ने इमरजेंसी सर्विस को छोड़कर सभी विभागों में काम करना बंद कर दिया है और अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की. इस दौरान छात्र संघों ने तुरंत जांच के लिए रैलियां आयोजित कीं. बंगाल बीजेपी विधायकों सहित विपक्षी नेताओं ने मामले में स्वतंत्र मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में जांच की मांग की.

कौन है आरोपी, क्या उसकी गिरफ्तारी हुई
पुलिस ने 33 वर्षीय नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को अपराध में उसकी कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया है. टूटे हुए ब्लूटूथ इयरफोन सहित सबूतों के आधार पर उसकी गिफ्तारी हुई. जानकारी के मुताबिक रॉय के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और अस्पताल अधिकारियों के साथ अच्छे संबंध थे और अस्पताल के विभिन्न विभागों में उसकी पहुंच थी. इतना ही नहीं उसे आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के विभिन्न विभागों में बेरोकटोक एंट्री की अनुमति थी.

जांच के दौरान रॉय के पिछले मामले भी सामने आए है. उसे पोर्नोग्राफी देखते हुए पाया गया था. जानकारी के मुताबिक संजय रॉय की कई शादियां असफल रहीं. रॉय ने पूछताछ करने वाले अधिकारियों को बताया कि कथित तौर पर युवा डॉक्टर के साथ क्रूरता करने से कुछ घंटे पहले वह दो बार रेड-लाइट एरिया में गया था.

सेमिनार के बराबर रिपेयरिंग का काम
बता दें कि रेप और मर्डर के मामले की जांच शुरू से सवालों के घेरे में है. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का आरोप है कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी सेमिनार हॉल को खुला रखा गया. इसके पीछे अस्तपताल प्रशासन की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि वहां रिपेयरिंग का काम होना था. हालांकि, रिपेयरिंग का काम सेमिनार हॉल के बगल वाले कमरे में होना था. इतना ही नहीं सेमिनार हॉल के अंदर सीसीटीवी कैमरा भी नहीं था. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों का कहना है कि सबूतों से छेड़छाड़ करने के लिए सेमिनार हॉल के बगल में कंस्ट्रक्शन शुरू किया गया है.

सरकार और कानूनी कार्रवाई
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग की बौ और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के प्रति अपना समर्थन जताया. साथ ही उनसे मरीजों की देखभाल जारी रखने का आग्रह भी किया. पश्चिम बंगाल सरकार ने स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए अस्पतालों में पुलिस कैंप स्थापित किए और वादा किया है कि अगर स्थानीय पुलिस वीकेंड तक मामले में पर्याप्त प्रगति नहीं करती है तो वह मामला सीबीआई को सौंप देंगी.

कोर्ट ने मामला सीबीआई को सौंप दिया
मामले में गंभीर खामियों, संबंधित अधिकारियों से सहयोग की कमी और कोई महत्वपूर्ण प्रगति न होने की ओर इशारा करने के बाद कोलकाता हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया. फिलहाल आगे की जांच चल रही है. जैसे-जैसे मामले की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे पूरे देश में चिकित्सा संस्थानों में न्याय और सुरक्षा की मांग जोर पकड़ रही है, जिसका असर मरीजों की देखभाल पर पड़ रहा है और अधिकारियों को निर्णायक कार्रवाई करने की चुनौती मिल रही है.

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Last Updated : Aug 14, 2024, 10:59 PM IST

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