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नीतीश कुमार के बेटे निशांत की राजनीतिक एंट्री पर ऐसा विश्लेषण आप नहीं पढ़े होंगे, महत्वपूर्ण 5 सवाल और 5 एक्सपर्ट से समझिए - NITISH KUMAR SON NISHANT KUMAR

आजकल बिहार की राजनीति में एक मुद्दा सबसे ज्यादा गर्म है, वह है निशांत कुमार. आइये आपको पूरा विश्लेषण बताते हैं क्या है पूरा माजरा.

NITISH KUMAR SON NISHANT KUMAR
नीतीश कुमार के बेटे निशांत (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 22, 2025, 10:46 PM IST

पटना :मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजनीति की अंतिम पारी खेल रहे हैं. 2025 में फिर से नीतीश का नारा दिया जा रहा है, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार के राजनीति में एंट्री को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है. खास बात यह है कि इस बार निशांत की एंट्री को लेकर जदयू और एनडीए के तमाम नेता सॉफ्ट दिख रहे हैं. विशेषज्ञ भी निशांत की एंट्री को अलग नजरिया से देख रहे हैं.

जीतन राम मांझी ने निशांत की एंट्री का किया स्वागत : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2025 विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे हैं. नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा पूरी कर ली है. अब एनडीए पूरे तौर पर मिशन मोड में है. 2025 में भी जदयू नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है. इन सब के बीच केन्द्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने निशांत कुमार की एंट्री का स्वागत किया है.

ईटीवी भारत की टीम ने बिहार की राजनीति को करीब से समझने वाले दिग्गज विश्लेषकों से बात की. यह टटोलने की कोशिश की गई कि क्या वाकई निशांत राजनीति में आने को तैयार हैं? अगर आने को तैयार हैं तो वह कौन सी स्थिति होगी और कब निशांत की एंट्री होगी? हमने पांच सवाल बिहार के 5 वरिष्ठ लोगों के सामने रखे. आइये जानते हैं उनका जवाब क्या रहा?

देखें रिपोर्ट (ETV Bharat)

प्रश्न नं. 1. क्या निशांत को राजनीति में आना चाहिए?

राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर संजय कुमार:- निशांत कुमार को बिल्कुल राजनीति में आना चाहिए, उनके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लिगेसी है. निशांत एक युवा हैं और उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. मुख्यमंत्री निवास में रहकर और पिता के सानिध्य में उन्होंने राजनीति के गुर सीखे हैं. अगर वह राजनीति में आते हैं तो यह शुभ संकेत होगा.

राजनीतिक विश्लेषक डॉक्टर संजय कुमार (Etv Bharat)

''नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक पारी खेल चुके हैं और एक अहम सवाल है कि जेडीयू को कौन संभालेगा? एक पार्टी के रूप में अगर जेडीयू के अस्तित्व को कायम रखना है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत को राजनीति में लाना मजबूरी है.''- डॉक्टर संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

प्रश्न नं. 2. नीतीश कुमार के पुत्र निशांत को क्यों राजनीति में आना चाहिए?

वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय:-निशांत में वह सभी गुण हैं जो एक युवा राजनीतिज्ञ में होना चाहिए. सिर्फ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र होने के चलते उनको किनारे किया जा रहा है. निशांत एक पढ़े-लिखे और चिंतनशील व्यक्ति हैं. ऐसे लोग अगर राजनीति में आते हैं तो बिहार और देश तरक्की की राह पर जा सकेगा.

वरिष्ठ पत्रकार रवि उपाध्याय (Etv Bharat)

''नीतीश कुमार उम्र के आखिरी पड़ाव पर हैं और वह अंतिम पारी खेल रहे हैं. अगर निशांत कुमार को राजनीति में मौका मिलता है तो वह बेहतर कर सकते हैं. मेरी राय में तो वह बिहार की राजनीति में सचिन तेंदुलकर साबित हो सकते हैं.''- रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

प्रश्न नं. 3. जनता दल यूनाइटेड के लिए निशांत क्यों जरुरी हैं?

वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी :-जनता दल यूनाइटेड के कई नेता निशांत को आगे करना चाहते हैं. उन्हें लगता है कि नीतीश कुमार के बाद निशांत पार्टी को एकजुट रख सकते हैं. चूंकि निशांत राजनीति में अभी दक्ष नहीं हैं, इस वजह से नेताओं की सोच यह भी है कि वह निशांत को अपने हिसाब से संचालित कर सकते हैं. फिलहाल जेडीयू के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं है जो पार्टी को एकजुट रख सके. निशांत ही एक विकल्प के रूप में दिख रहे हैं. अब वह इस पर कितना खरा उतरते हैं यह देखने वाली बात होगी.

वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी (Etv Bharat)

''अब तक का मेरा जो अनुभव है, उसके हिसाब से निशांत की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है और उन्होंने खुद को प्रूफ करने की कोशिश भी नहीं की है. एक राजनीतिज्ञ में जो गुण होने चाहिए वह उनके अंदर अब तक नहीं दिखा है.''- प्रवीण बागी, वरिष्ठ पत्रकार

प्रश्न नं. 4. क्या निशांत के राजनीति में आने का यह टाइमिंग सही है?

वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेलारी:- निशांत के लिए राजनीति में आने का यह बिल्कुल उपयुक्त समय है. नीतीश कुमार अब राजनीति के ढलान पर हैं और ऐसे में निशांत अगर राजनीति में आते हैं तो पार्टी के लिए बेहतर होगा.

वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भेलारी (Etv Bharat)

''जनता दल यूनाइटेड में कई ऐसे नेता हैं, जो नीतीश कुमार के बाद पार्टी को किसी दूसरे दल में विलय कर सकते हैं, यह एक संभावना है. निशांत ही एक ऐसे चेहरा हैं जो पार्टी को बचा सकते हैं और उनके नेतृत्व में पार्टी एकजुट रह सकती है.''- कन्हैया भेलारी, वरिष्ठ पत्रकार

प्रश्न नं. 5. निशांत की एंट्री पर बिहार की सियासत पर क्या असर पड़ेगा.

डॉ बीएन प्रसाद, अनुग्रह नारायण सिंन्हा के प्रोफेसर: बेरोजगारी आज की तारीख में बड़ी समस्या है. युवाओं को यह लगता है कि युवा ही बेरोजगारों की समस्या का समाधान कर सकता है. निशांत भी युवा हैं और एक युवा यह बेहतर समझता है कि युवाओं के लिए क्या कुछ करना चाहिए. निशांत राजनीतिक परिवार से आते हैं उनके दादा स्वतंत्रता सेनानी थे और पिता लंबे समय से राजनीतिक जीवन में है. इन लोगों से उन्होंने बहुत कुछ सीखा होगा इसका लाभ वह बिहार को दे सकते हैं.

अनुग्रह नारायण सिंन्हा के प्रोफेसर डॉ बीएन प्रसाद (Etv Bharat)

''निशांत जैसे युवा अगर बिहार की राजनीति में आते हैं तो यह एक अच्छा संकेत होगा. एक पढ़ा लिखा और विजनरी व्यक्ति जो अपने पिता के सानिध्य में लंबे समय तक रहा हो और अच्छे संस्कार का मालिक हो. ऐसा व्यक्ति अगर राजनीति में आता है तो बिहार के लिए बेहतर होगा.''- डॉ बीएन प्रसाद, अनुग्रह नारायण सिंन्हा के प्रोफेसर

ईटीवी भारत GFX. (Etv Bharat)

'निशांत पर नीतीश कुमार लेंगे फैसला' : नीतीश कुमार परिवारवाद के खिलाफ रहे हैं. नीतीश कुमार के परिवार से अब तक कोई भी संसदीय राजनीति में नहीं है. अब जबकि नीतीश कुमार राजनीति के ढलान पर हैं तो वैसे स्थिति में सवाल यह उठा रहा है कि जेडीयू की कमान कौन संभालेगा? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत की ओर लोग आशा भरी निगाहों से देख रहे हैं. जेडीयू नेता निशांत को लेकर आशान्वित हैं. पार्टी के वरिष्ठ नेता विजय चौधरी ने कहा है कि इस पर अंतिम फैसला नीतीश कुमार को लेना है.

निशांत को लेकर फिल्डिंग हो रही है सेट : अगर गौर से देखा जाए तो निशांत की राजनीतिक एंट्री को लेकर पूरी तरह से फिल्डिंग सेट हो रही है. जेडीयू दफ्तर के बाहर उनके लिए पोस्टर लग रहे हैं. तेजस्वी यादव, उपेन्द्र कुशवाहा जैसे नेता उनका राजनीति में स्वागत करते दिखाई पड़ते हैं. ग्राफिक्स के जरिए समझिए नीतीश कुमार के बेटे निशांत कौन हैं?

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अक्टूबर नवंबर में विधानसभा चुनाव : दरअसल, यह सब कुछ बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर हो रहा है. बिहार में अक्टूबर नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. 243 सीटों वाले विधानसभा में पिछली बार जेडीयू का प्रदर्शन अच्छा नहीं था. चूंकि 2024 लोकसभा चुनाव के बाद माहौल बदला है ऐसे में जेडीयू इस विधानसभा में निशांत कुमार को लांच कर सकते हैं.

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विलियम शेक्सपियरने कहा था, All Well That Ends Well. मतलब अंत भला तो सब भला. अब जो चर्चा उठी है, उसका समापन किसपर होता है इसपर सबकी निगाह टिकी रहेगी. मतलब आगे-आगे देखिए होता है क्या?

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