तिरुवनंतपुरम: केरल का एक अस्पताल आईवीएफ उपचार में अपनी उल्लेखनीय सफलता दर के कारण निःसंतान दम्पतियों के लिए उम्मीद की किरण बन गया है. उन्नत आईवीएफ पद्धति के माध्यम से, तिरुवनंतपुरम के SAT अस्पताल में 500 से अधिक बच्चों का जन्म हुआ. इसके अलावा, बांझपन के उपचार के परिणामस्वरूप भी कई बच्चों का जन्म हुआ. केरल और दूसरे राज्यों के दम्पति जो सारी उम्मीदें खो चुके थे उनका सफल इलाज हुआ.
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि सरकार बांझपन उपचार को बहुत महत्व दे रही है. उन्होंने कहा, "ऐसे कई जोड़े हैं जो माता-पिता बनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. सरकार का लक्ष्य इन उपचारों को आम लोगों के लिए सुलभ बनाना है, जो निजी क्षेत्र में महंगे हैं. इस उद्देश्य के लिए बांझपन उपचार क्लीनिकों में आधुनिक सुविधाएं स्थापित की जा रही हैं."
इसके अलावा, तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में प्रजनन चिकित्सा विभाग के साथ-साथ कोट्टायम और कोझीकोड मेडिकल कॉलेजों में प्रजनन चिकित्सा इकाइयां चालू हैं. इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग के तहत प्रमुख मातृ एवं शिशु अस्पताल भी बांझपन क्लीनिक चलाते हैं. तिरुवनंतपुरम मेडिकल कॉलेज में प्रजनन चिकित्सा में पाठ्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं. इससे इस क्षेत्र में और अधिक विशेषज्ञ तैयार करने में मदद मिलती है.