नई दिल्ली:दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीते दिनों तारीख के ऐलान के बाद शुक्रवार को अधिसूचना भी जारी हो गई है. साथ ही दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड में सियासी गर्मी तेज हो चुकी है. इसमें आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा वोटर लिस्ट में नाम कटवाने व जुड़वाने के मुद्दे पर यूपी-बिहार के लोगों पर टिप्पणी ने आग में घी डालने जैसा काम किया है.
दिल्ली में रहते हैं 30 फीसद पूर्वांचल के लोग:आम आदमी पार्टी ने सभी सीटों पर प्रत्याशियों के नाम का सबसे पहले ऐलान कर बाबा साहेब आंबेडकर के मुद्दे पर दलित वोट बैंक को एकजुट करने में जुटी. फिर उसके बाद AAP महिलाओं, बुजुर्गों, पुजारियों और जाट वोट बैंक को साधने में जुट गए. लेकिन, इसी बीच अरविंद केजरीवाल द्वारा यूपी-बिहार से लोगों को लाकर अवैध वोट बनवाने के बयान को बीजेपी ने लपकते हुए जिस तरह हमला बोला है, आम आदमी पार्टी भी असहज महसूस कर रही है. सुबह इस मुद्दे पर संजय सिंह सफाई देने पार्टी कार्यालय में आए तो उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने 70 सीटों के लिए जो प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया है उनमें 12 पूर्वांचल से ताल्लुक रखते हैं.
''दिल्ली में पूर्वांचल के रहने वाले लोगों की तादाद 30 फीसद के करीब है. पूर्वांचल मतदाताओं को अभी तक बीजेपी अपना वोट बैंक समझती रही है, लेकिन वर्ष 2013 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद मुफ्त बिजली, पानी और अन्य ऐलान के बाद सीन बदल गया. अपने विधायकों के जरिए आम आदमी पार्टी ने अनधिकृत कॉलोनी में जहां पूर्वांचल के लोगों के अच्छी खासी तादाद है वहां पर सुविधा प्रदान करने का काम किया, जिससे यूपी-बिहार के लोग AAP को वोट देने लगे और आम आदमी पार्टी का वोट बैंक बढ़ता गया. पिछले दिनों अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह दिल्ली में दशकों से रहने के बाद भी पूर्वांचल वालों के जीवन स्तर को सुधारने में जो काम किया, उसका ब्योरा देने के लिए सामने आए थे.''-मनोज मिश्रा, राजनीतिक विश्लेषक
दिल्ली की 70 में से 17 सीटें पूर्वांचली बहुल:दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 17 विधानसभा सीटों में पूर्वांचल के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. एक अन्य राजनीतिक विश्लेषक व वरिष्ठ पत्रकार रविशंकर तिवारी बताते हैं, इन विधानसभा में जीत-हार का फैसला करने में पूर्वांचल मतदाताओं की भूमिका अहम है. इन विधानसभा में पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड से संबंधित वोटरों की संख्या 30 से 50 फीसद तक है. पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरी, साउथ वेस्ट दिल्ली के द्वारका, मटियाला, उत्तरी दिल्ली के मॉडल टाउन, बुराड़ी, करावल नगर, सीमापुरी, बादली, किराड़ी, नांगलोई, उत्तम नगर, पटपड़गंज, लक्ष्मी नगर, संगम विहार, बदरपुर, पालम, देवली, राजेंद्र नगर, जैसी विधानसभा सीट है, जहां पर पूर्वांचल के मतदाताओं की संख्या अधिक है.
पिछले चुनावों में पूर्वांचली वोटर्स ने दिया था केजरीवाल का साथ: वर्ष 2015 और 2020 विधानसभा चुनाव में अधिकांश पूर्वांचल मतदाताओं का समर्थन कांग्रेस व भाजपा की तुलना में आम आदमी पार्टी को अधिक मिला था. इसलिए इस बार भी केजरीवाल द्वारा दिए गए बयान को लपकते हुए बीजेपी पूर्वांचल के वोट बैंक को सहेज कर रखने और उनका वोट बैंक पाने की कोशिश में जुट गई है. वहीं, भाजपा द्वारा भी इस बार सियासी समीकरण बदलने का प्रयास किया जा रहा है.