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जम्मू कश्मीर में पारंपरिक राजनीतिक दलों ने क्या किया? निर्दलीय उम्मीदवार फहीम रेशी ने बताया - Jammu Kashmir Assembly Election

Independent candidate Fahim Reshi: ईटीवी भारत से बात करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार मो. फहीम रेशी ने शहर के निवासियों द्वारा सामना किए जाने वाले डर के इतिहास की आलोचना की. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समुदाय नेतृत्व में बदलाव के लिए तैयार है. ईटीवी भारत संवाददाता परवेजुद्दीन की रिपोर्ट...

jammu kashmir assembly election 2024
निर्दलीय उम्मीदवार मो. फहीम रेशी से बातचीत (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 25, 2024, 5:25 PM IST

श्रीनगर:जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण का मतदान जारी है. वहीं, ईदगाह विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे निर्दलीय उम्मीदवार मोहम्मद फहीम रेशी ने पारंपरिक राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा स्थानीय आबादी के लंबे समय से हो रहे शोषण पर चिंता व्यक्त की. वोट डालने के बाद बोलते हुए रेशी ने कहा कि क्षेत्र के लोग अब बदलाव चाहते हैं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए रेशी ने शहर के निवासियों द्वारा सामना किए जाने वाले डर के इतिहास की आलोचना की, विशेष रूप से बहिष्कार के आह्वान से, जो ऐतिहासिक रूप से उन उम्मीदवारों का पक्ष लेते रहे हैं जिन्होंने शोषण के अलावा कुछ नहीं दिया. उन्होंने कहा, "यहां के लोग अब पारंपरिक दलों के नेताओं द्वारा धोखा नहीं खा रहे हैं." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समुदाय नेतृत्व में बदलाव के लिए तैयार है.

निर्दलीय उम्मीदवार मो. फहीम रेशी से खास बातचीत (ETV Bharat)

रेशी ने ईदगाह निर्वाचन क्षेत्र में रोजमर्रा की कई समस्याओं की ओर इशारा किया, जिसमें युवाओं के सामने आने वाली महत्वपूर्ण चुनौतियां भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि, आज के युवा मतदाता जागरूक है और समझते हैं कि कौन वास्तव में उनके हितों का प्रतिनिधित्व कर सकता है. उन्होंने वादा किया कि, उनकी प्राथमिकताओं में कारोबारी समुदाय की सेवा करना और जनता की जरूरतों को पूरा करना शामिल होगा. उन्होंने कहा कि, अगर जनता ने उन्हें चुना तो वह अपने लोगों की समस्याओं को हल करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव एक दशक के बाद हो रहे हैं, जिसका पहला चरण 18 सितंबर को पूरा हो गया. दूसरा चरण अभी चल रहा है, जिसमें श्रीनगर की आठ सीटों सहित 26 निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं, जहां 93 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला 8 अक्टूबर को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) द्वारा किया जाएगा.

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