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कर्नाटक सरकार ने जांच के लिए CBI को दी गई सामान्य सहमति वापस लेने का फैसला किया - Karnataka government decision CBI - KARNATAKA GOVERNMENT DECISION CBI

Karnataka Withdraws Consent To CBI, कर्नाटक सरकार ने राज्य में जांच के लिए सीबीआई दी गई अपनी सामान्य सहमति को वापस ले लिया है. यह जानकारी राज्य के कानून मंत्री एचके पाटिल ने मीडिया से बातचीत में दी. पढ़िए पूरी खबर...

Karnataka Law Minister HK Patil
कर्नाटक के कानून मंत्री एचके पाटिल (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 26, 2024, 8:51 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को राज्य में जांच करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को दी गई अपनी सामान्य सहमति वापस ले ली. साथ ही यह निर्णय लिया गया है कि सरकार के मुख्य सचिव राज्यपाल के किसी भी पत्र का जवाब नहीं देंगे.

कर्नाटक के कानून मंत्री एचके पाटिल ने कैबिनेट बैठक के बाद विधानसौदा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने सीबीआई जांच दल को सामान्य सहमति देने वाली अधिसूचना वापस लेने का फैसला किया है. भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सीबीआई राज्य में स्वतंत्र रूप से जांच कर सकती थी. इससे पहले सरकार ने खुली सहमति से जांच की अनुमति दी थी. हालांकि, अब सीबीआई द्वारा खुली सहमति के लिए अधिसूचना वापस लेने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि सीबीआई जांच एजेंसी के दुरुपयोग की चर्चा है.

उन्होंने कहा, 'सीबीआई ने उन सभी मामलों में आरोप पत्र प्रस्तुत नहीं किया है, जो हमने सीबीआई को सौंपे थे. कई मामले लंबित हैं. हमने पाया है कि सीबीआई पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रही है. एक पार्टी की ओर से काम कर रही है. केंद्र सरकार द्वारा दुरुपयोग किए जा रहे संस्थान पक्षपातपूर्ण हैं. इसलिए, केंद्रीय जांच एजेंसी को गलत रास्ते पर जाने से रोकने के लिए अधिसूचना वापस लेने का निर्णय लिया गया है.'

राज्यपाल के पत्रों का उत्तर न देने का संकल्प: मंत्री पाटिल ने बताया कि सरकार के मुख्य सचिव द्वारा राज्यपाल के किसी भी पत्र का उत्तर नहीं देने का निर्णय लिया गया है. मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया है कि राज्यपाल द्वारा लिखे गए किसी भी पत्र को कैबिनेट की बैठक के संज्ञान में लाया जाए. प्रस्ताव द्वारा मुख्य सचिव को राज्यपाल को सीधे उत्तर न देने के लिए कहा गया है. राज्यपाल के पत्र को कैबिनेट के ध्यान में लाने का कैबिनेट निर्णय लिया गया है.

राज्यपाल के पत्रों का उत्तर देगी सरकार: राज्यपाल के पत्रों का उत्तर मुख्य सचिव के बजाय कैबिनेट की बैठक के माध्यम से देने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा, कैबिनेट की बैठक में केवल आवश्यक होने पर ही उत्तर देने का निर्णय लिया गया. उन्होंने कहा, 'राज्यपाल अधीरता से पत्र लिख रहे हैं. राज्यपाल तत्काल या आज ही सूचना भेजने का सुझाव दे रहे हैं. मंत्रिमंडल ने सभी नियमों की समीक्षा करने के बाद निर्णय लिया है. मुख्य सचिव को मंत्रिमंडल के प्रस्ताव पर आगे बढ़ना चाहिए. सूचना भेजने से पहले मंत्रिमंडल की बैठक के निर्णय का पालन किया जाना चाहिए. हमने इस संबंध में सरकार के मुख्य सचिव को सूचित कर दिया है. मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राज्यपाल के किसी भी पत्र का जवाब मंत्रिमंडल द्वारा दिया जाना चाहिए.'

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