बेंगलुरु: मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) स्कैम मामले की जांच के लिए सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ अभियोजन की अनुमति देने के मुद्दे पर राज्यपाल और राज्य सरकार के बीच खींचतान चल रही है. इस बीच राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने स्पष्टीकरण मांगने के लिए 11 बिल सरकार को वापस भेजे हैं.
इतना ही नहीं राज्यपाल ने तीन विधेयकों को दूसरी बार सरकार के पास वापस भेजा है. इनमें कर्नाटक सार्वजनिक परीक्षा (नियुक्ति में भ्रष्टाचार और अनुचित व्यवहार को रोकने के उपाय) विधेयक 2023, कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती (संशोधन) विधेयक 2023 और कर्नाटक नगर और ग्रामीण नियोजन (संशोधन) विधेयक 2024 शामिल हैं.
इसके अलावा राज्यपाल ने जिन बिलों को वापस भेजा है, उनमें ई-रजिस्ट्रेशन (कर्नाटक संशोधन) विधेयक 2024, कर्नाटक नगर पालिका और कुछ अन्य कानून (संशोधन) विधेयक 2024, कर्नाटक सिने और सांस्कृतिक कार्यकर्ता (कल्याण) विधेयक 2024, कर्नाटक सहकारी समितियां संशोधन विधेयक 2024, कर्नाटक सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक 2024, श्री रेणुका यल्लम्मा मंदिर विकास प्राधिकरण विधेयक 2024, कर्नाटक विधानमंडल (अयोग्यता निवारण) (संशोधन) विधेयक 2024, और कर्नाटक विधानमंडल (अयोग्यता निवारण) (संशोधन) अध्यादेश 2024 शामिल हैं.
राज्यपाल हमारी सरकार के खिलाफ- कर्नाटक के गृह मंत्री
गृह मंत्री डॉ जी परमेश्वर ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, "राज्यपाल ने इतने सारे विधेयक वापस भेजे हैं, इससे साफ है कि राज्यपाल हमारी सरकार के खिलाफ हैं." सदाशिवनगर में अपने आवास के पास बोलते हुए उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने सामान्य विधेयक भी वापस भेज दिया. इससे साफ है कि राज्यपाल हमारी सरकार के खिलाफ हैं.