बेंगलुरु:MUDA स्कैम मामले में हाई कोर्ट से झटका मिलने के बाद सिद्धारमैया की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है. सीएम ने कहा कि, उन्हें हाईकोर्ट के आदेश के पहलुओं की जानकारी मीडिया के माध्यम से मिली. उन्होंने कहा कि, आदेश की प्रति पढ़ने के बाद वे विस्तृत प्रतिक्रिया देंगे. मीडिया को संबोधित करते हुए सीएम ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा.
इस बारे में उन्होंने प्रेस को बयान दिया है, कोर्ट ने राज्यपाल द्वारा धारा 218 के तहत जारी आदेश को सिरे से खारिज कर दिया. न्यायाधीशों ने राज्यपाल के आदेश की धारा 17ए तक ही खुद को सीमित रखा. सीएम ने कहा, "मैं जांच करने में संकोच नहीं करूंगा। मैं विशेषज्ञों से सलाह लूंगा कि कानून के तहत ऐसी जांच की अनुमति है या नहीं. मैं कानूनी विशेषज्ञों से चर्चा करूंगा और लड़ाई की रूपरेखा तय करूंगा."
उन्होंने कहा, "अपनी शिकायत में शिकायतकर्ता ने धारा 218 बीएनएसएस, 17ए और 19पीसी एक्ट के तहत जांच और अभियोजन की अनुमति मांगी थी. हालांकि, राज्यपाल ने शुरू में 19 पीसी एक्ट के तहत अभियोजन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. इस दिन कोर्ट ने राज्यपाल द्वारा धारा 218 बीएनएसएस के तहत दी गई अभियोजन की अनुमति को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया."
सीएम ने आगे कहा कि, उन्हें पूरा विश्वास है कि अगले कुछ दिनों में सच्चाई सामने आ जाएगी और 17ए के तहत जांच रद्द कर दी जाएगी. उन्होंने आगे कहा, "इस राजनीतिक संघर्ष में राज्य की जनता मेरे साथ है. उनका आशीर्वाद ही मेरी सुरक्षा है. मैं कानून और संविधान में विश्वास करता हूं. इस लड़ाई में आखिरकार सच्चाई की जीत होगी."
सिद्धारमैया ने कहा, "यह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की बदले की राजनीति के खिलाफ लड़ाई है. भाजपा और जेडीएस की इस बदले की राजनीति के खिलाफ हमारा न्यायिक संघर्ष जारी रहेगा। मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा है." उन्होंने कहा, "हमारी पार्टी और कांग्रेस हाईकमान के सभी विधायक, नेता और कार्यकर्ता मेरे पक्ष में मजबूती से खड़े रहे हैं और मुझे कानून के लिए लड़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया है."
कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने आगे कहा कि, "भाजपा और जेडीएस ने मेरे खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध का सहारा लिया है क्योंकि मैं गरीबों का हितैषी हूं और सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहा हूं. अपने 40 साल के राजनीतिक जीवन में मैंने इस तरह की बदले की राजनीति, साजिश की राजनीति का सामना किया है और राज्य की जनता के आशीर्वाद और इच्छाओं के बल पर जीतता रहा हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि मैं लोगों के आशीर्वाद के बल पर इस लड़ाई को जीतूंगा." उन्होंने कहा कि, MUDA मामला महज दिखावा है. भाजपा और जेडीएस पार्टियों का मुख्य उद्देश्य हमारी सरकार की उन योजनाओं को रोकना है जो गरीबों और शोषितों के पक्ष में हैं.
उन्होंने आगे कहा कि, "मैं राज्य की जनता से अपील करता हूं कि वे मुदा केस बनाएं ताकि राज्य की जनता उन लोगों के चेहरे देख सके जो झूठे आरोप लगा रहे हैं." सिद्धारमैया ने कहा, "ये वही नेता हैं जो मेरा इस्तीफा मांग रहे हैं, ये वही लोग हैं जिन्होंने राज्य के गरीबों और शोषितों के लिए मेरे द्वारा लागू की गई योजनाओं का विरोध किया था...ये वही भाजपा और जेडीएस नेता हैं जिन्होंने मेरे पहले मुख्यमंत्री रहते हुए लागू की गई अन्नभाग्य, क्षीर भाग्य, क्षीर धारे, विद्यासिरी, कृषिभाग्य, पशुभाग्य, इंदिरा कैंटीन योजनाओं का विरोध किया था...ये वही नेता हैं जो आज मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं, उन्होंने एससीएसपी/टीएसपी अधिनियम का विरोध किया था."
सिद्धारमैया ने आगे कहा कि, कर्नाटक की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को इतना बहुमत नहीं दिया कि वह अपने दम पर सत्ता में आ सके. अभी तक भाजपा अनैतिक तरीके से और ऑपरेशन कमला चलाकर सत्ता में आई है. पिछले विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने ऑपरेशन कमल को कोई मौका दिए बिना हमारी पार्टी को 136 सदस्यों की ताकत दी थी. इससे हताश होकर भाजपा और जेडीएस नेताओं ने राजभवन का दुरुपयोग किया है और हमारी सरकार को अस्थिर करने के लिए मुझ पर झूठे आरोप लगाए हैं.
सिद्धारमैया ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार देश भर में राजभवन का दुरुपयोग करके विपक्षी दलों की सरकारों को दंडित करने की साजिश कर रही है. उन्होंने कहा, "मेरे मामले में भी भाजपा और जेडीएस को निश्चित रूप से इसी तरह की शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा."
ये भी पढ़ें:सीएम सिद्धारमैया को हाई कोर्ट से बड़ा झटका, MUDA स्कैम को लेकर चलेगा केस