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आंखों में आंसू, चेहरे पर गम, किसी ने जमीन बेची, किसी ने घर गिरवी रखा, सुनें अमेरिका से आए युवकों के परिजनों की दर्द भरी दास्तां - KARNAL YOUTH DEPORTED FROM AMERICA

Karnal youth deported from America: अमेरिका से डिपोर्ट हुए लोगों में दो युवक घरौंडा से हैं. उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.

Karnal youth deported from America
Karnal youth deported from America (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 6, 2025, 1:32 PM IST

करनाल: बुधवार 5 फरवरी 2025 को अमेरिका का मिलिट्री प्लेन अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर भारत पहुंचा. प्लेन में सवार सभी 104 लोग अमेरिका में बिना किसी दस्तावेज के अवैध रूप से रह रहे थे. अमेरिका से डिपोर्ट कर लाए गए लोगों को मेक्सिको-अमेरिकी सीमा से पकड़ा गया था. इन्होंने डंकी रूट के जरिए अमेरिका में घुसने की कोशिश की थी.

अमेरिका से डिपोर्ट हुए हरियाणा के युवक: बुधवार को अमेरिका का प्लेन पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ. जहां से प्लेन में सवार लोगों को उनके घरों तक पहुंचाया गया. प्लेन में गुजरात और हरियाणा के 33, पंजाब के 30, महाराष्ट्र के 3, उत्तर प्रदेश के 3 और चंडीगढ़ के 2 लोग थे. अमेरिका से डिपोर्ट हुए लोगों में हरियाणा के 33 हैं. इनमें भी सबसे ज्यादा करनाल जिले से हैं. करनाल जिले के सात लोग डिपोर्ट हुए हैं.

करनाल के 7 में से दो युवक घरौंडा के निवासी: सूचना मिलते ही परिजन अपनों को लेने अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचे. जहां वेरिफिकेशन के बाद युवकों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया. भले ही अमेरिका से लौटे युवक अपने घर लौट चुके हैं, इसके बाद भी उनके घर में गम का माहौल है. करनाल के सात युवकों में दो घरौंडा के युवक आकाश और अरुण भी हैं. जिनके परिजन इस घटना से बहुत आहत हैं.

सुनें अमेरिका से आए युवकों के परिजनों की दर्द भरी दास्तां (Etv Bharat)

आकाश 26 जनवरी 2025 को पहुंचा था अमेरिका: करनाल के घरौंडा के कलरा गांव का आकाश 26 जनवरी 2025 को मैक्सिकों की दीवार कूद कर अमेरिका पहुंचा था., लेकिन वो वहां पकड़ा गया. आकाश ने अपने फोन में कुछ वीडियो भी दिखाई है. जिसमें घने जंगल के बीच युवक दिखाई दे रहे हैं. आकाश के भाई ने बताया कि अभी तक उनका 72 लाख रुपये का खर्च आया है. अब परिवार के लोग एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

कर्ज में दबा आकाश का परिवार: सरपंच दीपेंद्र ने बताया कि आकाश हमारे परिवार से ही है. उसके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. इसलिए उन्होंने जमीन बेचकर करीब 40 लाख का कर्ज लिया और अपने बेटे आकाश को अमेरिका भेज दिया. आकाश 3 महीने पहले घर से अमेरिका के लिए निकला था. वो 26 जनवरी को अमेरिका पहुंचा था. अब उसे डिपोर्ट किया गया है.

सरकार से की रोजगार की अपील: आकाश के परिजन सरकार से खफा दिखाई दिए और कहा कि सरकार को रोजगार की तरफ ध्यान देना चाहिए. आकाश के पिता वीरेंद्र की कई साल पहले मौत हो चुकी है. ऐसे में परिवार पर ना सिर्फ कर्ज बढ़ेगा, बल्कि आमदनी का जरिया भी खत्म हो गया है. परिजनों ने बताया अकाश को अमेरिका भेजने के लिए एजेंट से परिजनों की 65 लाख रुपये में बात हुई थी. अलग से 6 से 7 लाख रुपये का खर्च बताया था.

परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल: आकाश के परिजनों का कहना है कि हरियाणा में बेरोजगारी चरम पर है. इसलिए मजबूरी में उनके बच्चे बाहर विदेश में जाने को मजबूर हैं. आकाश के अमेरिका से डिपोर्ट होने के बाद परिवार के लोग आहत हैं. उनका कहना है कि यहां देश मे बेरोजगारी है. अब वो कर्ज को कैसे चुकाएंगे, क्योंकि कमाई का कोई साधन नहीं है. सरकार को रोजगार की तरफ सोचना चाहिए. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.

अरुण पाल जमीन बेच कर गया था अमेरिका: घरौंडा का रहने वाला अरुण पाल भी परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए अमेरिका गया था. वो करीब 6 महीने पहले अमेरिका गया था. परिजनों ने बताया कि अरुण अपने घर की आर्थिक सुधारना चाहता था. वो आधा एकड़ जमीन बेचकर डंकी रूट से अमेरिका पहुंचा था. बताया जा रहा है कि अरुण ने करीब 30 लाख रुपये खर्च किए थे. उसे काम भी मिल गया था. सोचा था कि अमेरिका में जाने से घर की गरीबी दूर हो जाएगी, पर ऐसा नहीं हुआ. अब उसकी घर वापसी हो गई है.

सदमें में अरुण का परिवार: अरुण के परिजनों ने कहा कि रोजगार पाने और घर की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए अरुण ने डंकी के जरिए अमेरिका जाकर डॉलर में कमाई करने का रास्ता चुना. इसके लिए उन्होंने जमीन तक बेच दी. कुछ लोगों ने तो घर तक गिरवी रख दिया या फिर किसी से भारी भरकम कर्ज लिया. अब उनके सामने चुनौती ये है कि कैसे वो इस कर्ज को चुकाएंगे.

क्या है डंकी रूट: डंकी रूट विदेश जाने का अवैध रास्ता. इसमें एजेंट युवकों से भारी भरकम रुपये लेकर उन्हें समुंद्र, घने जंगल और बॉर्डर पार करवा कर दूसरे देश पहुंचाते हैं. इस दौरान युवकों से मारपीट की जाती है. उन्हें भूखा-प्यासा रखा जाता है. घंटों पैदल चलाया जाता है. रास्ते में उनसे लूटपाट की जाती है. जान से मारने की धमकी दी जाती है. जैसे-तैसे उन्हें अवैध तरीके से बॉर्डर पार करवा कर दूसरे देश भेजा जाता है.

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