दार्जिलिंग: कंचनजंघा एक्सप्रेस दुर्घटना के बाद मरम्मत कार्य पूरा कर लिया गया. इसके बाद ट्रेन पटरी पर वापस लौट आई. कंचनजंघा एक्सप्रेस मंगलवार तड़के अपने गंतव्य स्टेशन कोलकाता के सियालदह पहुंच गई. अपनों को देखते ही यात्रियों और परिजनों की आंखों से आंसू छलक आए. यह दुर्घटना सोमवार को दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा इलाके में हुई थी.
कंचनजंघा एक्सप्रेस दुर्घटना के बाद रेल सेवा बहाल:दार्जिलिंग जिले के फांसीदेवा इलाके से ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू हो गई है. ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई. कटिहार पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) शुभेंदु कुमार चौधरी ने कहा, 'रात से ही मरम्मत का काम चल रहा है. कल एनजेपी (न्यू जलपाईगुड़ी जंक्शन) की ओर अपलाइन पर इंजन का ट्रायल किया गया. आधे घंटे के अंदर बगल की लाइन भी बहाल कर दी जाएगी.'
दुर्घटना में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 25 से ज्यादा लोग घायल हो गए. जब ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हुई, उस समय ट्रेन में मौजूद एक यात्री ने दुखद घटना को याद करते हुए चिंता और डर जताया. उसने कहा,'जब यह दुर्घटना हुई तब मैं S-7 में थी. इस दुर्घटना के बाद हम बहुत डरे हुए हैं. मेरे माता-पिता भी चिंतित हैं.
अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों की जांच के लिए स्टेशन पर डॉक्टरों की एक टीम, एंबुलेंस, भोजन और आपातकालीन बिस्तरों की व्यवस्था की गई है. पूर्वी रेलवे के सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने कहा, 'हमने 10 से अधिक बिस्तरों की भी व्यवस्था की है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि मालगाड़ी के चालक ने सिग्नल की अनदेखी की.
सियालदह मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) दीपक निगम ने बताया कि एक्सप्रेस ट्रेन से आने वाले यात्रियों का हालचाल जानने की व्यवस्था की गई है. हमने यात्रियों से उनका हालचाल पूछा है. डॉक्टरों की टीम और आरपीएफ की टीम भी मौके पर है. डीआरएम दीपक निगम ने कहा, 'हमारे पास एंबुलेंस भी स्टैंडबाय पर हैं, अगर जरूरत पड़ी तो हम उनका इस्तेमाल करेंगे. यात्रियों को मार्गदर्शन देने के लिए मेडिकल बूथ भी यहां मौजूद हैं.'