कोटद्वार: पौड़ी गढ़वाल के द्वारीखाल ब्लॉक डाडामडी स्थित मदनपुर गांव निवासी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और फिल्म जगत के सुप्रसिद्ध निर्देशक तिग्मांशु धूलिया, बड़े भाई हिमांशु धूलिया सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी अपने पैतृक गांव पहुंचे. तीनों भाइयों के गांव पहुंचने पर गांव वालों ने फूल-मालाओं से उनका भव्य स्वागत किया.
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और फिल्म निर्देशक तिग्मांशु धूलिया पहुंचे पैतृक गांव सुप्रीम कोर्ट ने न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया पहुंचे अपने गांव: शुक्रवार को शिवरात्रि होने पर पैतृक गांव पहुंचते ही गांव के शिवनागली मंदिर में पूजा-अर्चना कर भोलेनाथ के दर्शन किये. दोपहर को तीनों भाइयों ने लैंसडाउन में स्थानीय लोगों से मुलाकात भी की. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और जाने माने पत्रकार अपने दादा पंडित भैरव दत्त धूलिया पत्रकार पुरस्कार हेतु कार्यक्रम स्थल के लिए लोगों से जानकारी भी ली.
फिल्म निर्देशक तिग्मांशु धूलिया भी पहुंचे पैतृक गांव: फिल्म जगत के प्रसिद्ध निर्देशक तिग्मांशु धूलिया, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया अपने बड़े भाई हिमांशु धूलिया के साथ गुरुवार देर रात दुगड्डा पहुंचे थे. शुक्रवार को ये लोग दुगड्डा से अपने पैतृक निवास मदनपुर पहुंचे. शिवरात्रि पर्व होने पर गांव में शिवनागली मंदिर में तीनों भाइयों ने शिवालय में जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की. पूजा-अर्चना के बाद दोपहर को धूलिया बंधु पर्यटन नगरी लैंसडाउन का दीदार के पहुंच गये.
धूलिया बंधु अपने मदनपुर गांव में दादा के सम्मान में पत्रकार पुरस्कार समारोह में लेंगे हिस्सा: 19 मई को कर्म भूमि फाउंडेशन के तत्वावधान में द्वितीय पंडित भैरव दत्त धूलिया पत्रकार पुरस्कार का आयोजन होना है. ग्राम मदनपुर के प्रथम जन सेवक प्रभाकर डोबरियाल ने बताया कि धूलिया बंधु का परिवार पूर्व में 2019 में सह परिवार पैतृक गांव में पहुंचे थे. उत्तराखंड के प्रसिद्ध प्रवासियों का गांव आने जाने से सुखद संदेश मिलता है.
कौन हैं जस्टिस सुधांशु धूलिया?जस्टिस सुधांशु धूलिया का जन्म 10 अगस्त 1960 को हुआ था. इनकी प्रारंभिक शिक्षा देहरादून, इलाहाबाद और लखनऊ से हुई. सन 1981 में स्नातक की उपाधि प्राप्त करने के बाद वर्ष 1983 में आधुनिक इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन किया. इसके बाद 1986 में एलएलबी पूरा किया था. इलाहाबाद में उच्च न्यायालय के समक्ष सिविल और संवैधानिक पक्ष पर अभ्यास से लॉ करियर को आकार दिया. सन 2000 में उत्तराखंड बनने के बाद नैनीताल हाईकोर्ट आ गए. वर्ष 2004 में सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित हुए. एक नवंबर 2008 को उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल के स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए थे. वर्ष 2021 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. 2022 में उच्चतम न्यायालय के जज के रूप में पदोन्नति हुई.
जस्टिस सुधांशु धूलिया के भाई हैं तिग्मांशु धूलिया:तिग्मांशु धूलिया का जन्म 3 जुलाई 1976 को इलाहाबाद में हुआ. तिग्मांशु धूलिया ने प्रारम्भिक शिक्षा सेंट जोसेफ स्कूल और एंग्लो बंगाली इंटरमीडिएट कॉलेज से प्राप्त की. इसके बाद ग्रेजुएशन इलाहाबाद विवि से किया. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से रंगमंच में पोस्ट ग्रेजुएशन करके फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश किया. तिग्मांशु धूलिया ने 1990 में बनी फूलन देवी पर बनी चर्चित फिल्म बैंडिट क्वीन से कास्टिंग डायरेक्टर के रूप में फिल्मी करियर शुरू किया था. तिग्मांशु धूलिया द्वारा निर्देशित पहली फिल्म 'हासिल' है. इसमें इरफान खान को फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था. शागिर्द और साहब बीबी और गैंगस्टर फिल्में भी तिग्मांशु धूलिया ने निर्देशित की हैं. बायोपिक पान सिंह तोमर ने तिग्मांशु को प्रसिद्धि दिलाई.
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