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भारत-उज्बेकिस्तान का संयुक्त सैन्य अभ्यास 'डस्टलिक', आतंकवाद विरोधी क्षमताओं को मिलेगी मजबूती - Indo Uzbek Joint Military Exercise - INDO UZBEK JOINT MILITARY EXERCISE

Indo Uzbek Joint Military Exercise, भारत और उज्बेकिस्तान के सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास का 5वां संस्करण वर्तमान में उज्बेकिस्तान के सुरखोंडार्यो क्षेत्र में टर्मेज आर्मी ट्रेनिंग एरिया में चल रहा है. इस साल के अभ्यास का भारत के सेना प्रमुख और उज्बेकिस्तान के लड़ाकू प्रशिक्षण के उप रक्षामंत्री ने 18 अप्रैल, 2024 को उद्घाटन किया था. सेना की सप्तशक्ति कमांड ने इस बारे में जानकारी दी.

Indo Uzbek Joint Military Exercise
Indo Uzbek Joint Military Exercise

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 24, 2024, 11:40 AM IST

भारत-उज्बेकिस्तान का संयुक्त सैन्य अभ्यास 'डस्टलिक

जयपुर. भारत-उज्बेकिस्तान का संयुक्त सैन्य अभ्यास DUSTLIK उज़्बेक में जारी है. इस रणनीतिक सहयोग का मकसद सैन्य सहयोग को मजबूत करना और आतंकवाद विरोधी क्षमता को बढ़ाना है. जिससे दोनों देशों की आतंकवाद विरोधी क्षमताओं को मजबूती मिलेगी. विशेष रूप से पहाड़ी और छोटे शहरी इलाकों में सेनाओं को इसका फायदा मिलेगा. इस सैन्य अभ्यास के भारतीय दल में मुख्य रूप से दक्षिण पश्चिमी कमान की बहादुर जेटी रेजिमेंट और भारतीय वायुसेना के कुलीन गरुड़ शामिल हैं. यह सैन्य अभ्यास भारतीय सेवा के लिए भी मिल का पत्थर साबित होगा.

सैनिकों की शारीरिक क्षमता के साथ तालमेल पर जोर :उज्बेकिस्तान में जारी इस सैन्य अभ्यास में हार्ड फिजिकल एक्टिविटी और खानपान से सैनिकों के शारीरिक और मानसिक धैर्य को बढ़ाने में मदद मिलेगी. इस संयुक्त अभ्यास को आपसी तालमेल में इजाफे और विशेष हथियारों की हैंडलिंग को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है.

Indo Uzbek Joint Military Exercise

इसे भी पढ़ें -Exercise Dustlik-2023: पिथौरागढ़ में भारत-उज्बेकिस्तान का साझा युद्धाभ्यास समाप्त, दोनों देश की सेनाओं ने एक-दूसरे से सीखा युद्ध कौशल

युद्ध अभ्यास के दौरान सैनिकों को छोटी टीम के रूप में काम करने, फील्ड की एक्टिविटी करने मॉनिटरिंग करने और और टारगेट को ध्वस्त करने जैसे गुर सिखाए जा रहे हैं. यह द्विपक्षीय अभ्यास शांति और स्थिरता के लिए पैगाम दे रहा है, जिसमें दोनों देशों की प्रतिबद्धता को समझा जा सकता है. दोनों देशों की सेनाओं के बीच इस तरह की सैन्य गतिविधि से भारत और उज्बेकिस्तान के बीच रक्षा साझेदारी को भी बल मिलेगा.

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