गया :बिहार में एनडीए सरकार का फ्लोर टेस्ट होना है, लेकिन उससे पहले अभी कई सस्पेंस बने हुए हैं. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी खेला होने की बात कही है. इसके बीच पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने गया के वजीरगंज में यह कहकर कि वे हक के लिए लड़ेंगे, एक विभाग से संतुष्ट नहीं है, एनडीए की टेंशन बढ़ा दी है.
जीतन राम मांझी का छलका दर्द : गौरतलब हो, कि अभी बिहार की वर्तमान सियासत में जीतन राम मांझी की हम पार्टी गेम चेंजर के रूप में है. एनडीए में रहने के बावजूद हम पार्टी की एक-एक गतिविधियों पर सबकी नजर है. जीतन राम मांझी ने गया के वजीरगंज में कहा कि बार-बार उन्हें सिर्फ अनुसूचित जाति कल्याण मंत्रालय ही दिया जाता है. 1984 से 2013 तक अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ही मिला.
"बीच में मुख्यमंत्री बने तो काम करना शुरू किया तो लोगों को लगा कि जीतन राम मांझी इतना काम करेगा तो फिर नीतीश कुमार सीएम कैसे बनेंगे. मेरे 9 महीने में किए गए काम की चर्चा उड़ीसा, राजस्थान में भी होती है. वहां के लोग कहते हैं कि कम समय में अच्छा काम किया और स्पष्ट बोलने वाले मुख्यमंत्री बने थे."- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार
महत्वपूर्ण विभाग की मांझी ने की मांग: पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा कि वह केवल अनुसूचित जाति कल्याण मंत्रालय से संतुष्ट नहीं हैं. उन्हें पुल, पुलिया, सड़क नदी, तालाब सहित ग्रामीण क्षेत्र के विकास की जिम्मेदारी भी मिलनी चाहिए. पहले हम मंत्री थे, तो हमें यही मंत्रालय और मेरा बेटा मंत्री बना तो यही मंत्रालय दिया गया. हम क्या सिर्फ इसी मंत्रालय के लिए हैं?