जमुईः बिहार के जमुई में फर्जी आईपीएस बनकर लोगों को गुमराह करनेवाला मिथिलेश मांझी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. पुलिस ने उसे भोला समझकर बॉन्ड भरवाकर छोड़ दिया था लेकिन जैसे-जैसे पुलिस जांच आगे बढ़ रही है मिथिलेश का शातिराना खेल सामने आ रहा है.
' मिथिलेश ने पूछताछ में जमुई जिले के खैरा थाना इलाके के मनोज सिंह नामक व्यक्ति पर चीटिंग का आरोप लगाया था. हमने जांचकर्ता और थानाध्यक्ष के साथ उस इलाके के मनोज सिंह नाम के 4 व्यक्तियों को मिथिलेश से पहचान कराने की कोशिश की गयी लेकिन मिथिलेश ने उन चारों में से किसी को भी उस मनोज सिंह के रूप में पहचान नहीं कि जिस पर वो फर्जी वर्दी देने की बात कह रहा है."-सतीश सुमन, एसडीपीओ, जमुई
'मिथिलेश के खैरा में होने की बात भी झूठी': इसके अलावा पुलिस का ये भी कहना है कि मिथिलेश 20 सितंबर को खैरा जाने की जो बात कह रहा है वो भी सच नहीं है क्योंकि उसके मोबाइल फोन का लोकेशन उस दिन लखीसराय का बता रहा है. तकनीकी जांच में ये सामने आया है कि मिथिलेश मांझी ने लखीसराय बाजार से उस दिन जूते खरीदे हैं.
"इस मामले में एक और बात सामने आई है कि मिथिलेश ने दो लाख रुपये अपने मामा से लेने की बात कही थी, लेकिन पूछताछ में मामा ने एक साथ ऐसे किसी भी भुगतान से इंकार किया है. मिथिलेश ने पूछताछ में दो नंबर भी दिए थे और कहा था कि ये दोनों नंबर मनोज सिंह के हैं, लेकिन वे दोनों नंबर एक्टिव नहीं हैं."-सतीश सुमन, एसडीपीओ, जमुई