श्रीनगर: विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही अलगाववादी नेता और उनके परिजन चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं. उन्हें उम्मीद है कि उनकी पिछली भावुक राजनीति वोटों में बदल जाएगी. घाटी में होने वाले विधानसभा चुनाव में एक अलगाववादी नेता और दो प्रमुख अलगाववादी नेताओं के बेटे मैदान में हैं.
मीरवाइज उमर फारूक की अगुवाई वाली हुर्रियत (एम) के सदस्य और अलगाववादी संगठन जम्मू-कश्मीर नेशनल पीपुल्स पार्टी के प्रमुख सैयद सलीम गिलानी ने आज महबूबा मुफ्ती की मौजूदगी में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) में शामिल हो गए.
खानयार से पीडीपी के उम्मीदवार हो सकते हैं सलीम
सलीम श्रीनगर के खानयार से पीडीपी के उम्मीदवार हो सकते हैं, जहां उनका मुकाबला नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव और छह बार के विधायक अली मुहम्मद सागर से होगा. सलीम को माला पहनाते हुए महबूबा ने हुर्रियत नेता को पार्टी में शामिल होने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वह चाहती हैं कि वह पीडीपी के टिकट पर आगामी चुनाव लड़ें. पीडीपी अध्यक्ष ने उम्मीद जताई कि पूर्व हुर्रियत नेता श्रीनगर में पार्टी की मदद करेंगे.
सलीम ने कहा कि वह 35 साल से हुर्रियत कांफ्रेंस से जुड़े हैं और हुर्रियत से अपने पुराने जुड़ाव पर उन्हें आज भी गर्व है. उन्होंने कहा, 'पीडीपी वह पार्टी है जिसने जम्मू-कश्मीर के सभी पहलुओं को छुआ है और उन पर बात की है. कश्मीर मुद्दे से लेकर चुनाव, लोगों के मुद्दे, मानवाधिकार और बुनियादी सुविधाओं तक, पीडीपी इन सभी मुद्दों पर बात करती है. मेरा उद्देश्य चुनाव लड़ना नहीं बल्कि लोगों के मुद्दे उठाना और उनके लिए काम करना है.