: मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन लेने के लिए नीट परीक्षा 2024 का आयोजन किया गया लेकिन इस परीक्षा के रिजल्ट को लेकर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं. रिजल्ट आने के बाद देश भर में बवाल मचा हुआ है. जबलपुर की एक छात्रा ने मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की है जिसमें उसने आरोप लगाया है कि यह परीक्षा सही तरीके से नहीं करवाई गई. इसमें कुछ छात्रों को फायदा पहुंचाने के लिए करोड़ों का घोटाला किया गया है. छात्रा की ओर से पैरवी करने वाले एडवोकेट ने दायक याचिका में मांग की है कि फिलहाल मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन को रोका जाना चाहिए.
नीट परीक्षा के रिजल्ट को हाई कोर्ट में चुनौती
नीट परीक्षा का रिजल्ट विवादों में फंस गया है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में भी नीट परीक्षा के रिजल्ट को चुनौती दी गई है. यहां नीट परीक्षा की एक उम्मीदवार लड़की ने कोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में आरोप लगाया है कि नीट परीक्षा में गड़बड़ी हुई है. इस परीक्षा पर सवाल खड़े करते हुए इस छात्रा की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट आदित्य संघी का कहना है कि उनका पहला आरोप है कि गुड़गांव के लड़कों ने गोधरा जाकर झज्जर में परीक्षा दी और एक ही केंद्र के कई बच्चों ने 720 में से 720 नंबर प्राप्त किए हैं. यह को-इनसीडेंस नहीं हो सकता. यह एक सोची समझी रणनीति है जिसके तहत यह षडयंत्र किया गया है.
याचिका में दिया गया यह तर्क
एडवोकेट आदित्य संघी ने अपनी याचिका में दूसरा आरोप लगाया है कि इस परीक्षा में माइनस मार्किंग की जाती है और यदि माइनस मार्किंग की जाए तो एक प्रश्न के गलत होने पर चार नंबर कम होने चाहिए. इस तरह 720 के बाद यदि एक नंबर भी कम है तो 716 नंबर आने चाहिए थे लेकिन कई छात्रों के 717, 718 और 719 नंबर भी आए हैं, जो संभव नहीं है. जिस तरह के रिजल्ट आए हैं उसके अनुसार ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में कट ऑफ 718 हो रहा है. इसलिए जानबूझकर ऐसे नंबर दिए गए हैं ताकि कुछ बच्चों को ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस में एडमिशन मिल जाए और बाकी बच्चे छूट जाएं.
रिजल्ट होल्ड कर जांच की मांग
आदित्य संघी ने अपनी याचिका में कहा है कि इस परीक्षा का रिजल्ट रोका जाना चाहिए और जब तक कोर्ट इसका फैसला न करें तब तक मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नहीं होने चाहिए और इस घोटाले की हाई लेवल कमेटी से जांच करवाई जानी चाहिए. कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए नीट परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.