जबलपुर। हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश वक्फ बोर्ड के खिलाफ एक आदेश जारी किया है. जिसमें बोर्ड ने मुगल बादशाह शाहजहां की बहू के मकबरे को अपनी संपत्ति बताया था. बुरहानपुर में ऐसी तीन दूसरी इमारत को भी बोर्ड अपनी संपत्ति बता रहा था, लेकिन कोर्ट का कहना है कि 'यह संपत्तियां मुगल काल की है और इन पर आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया का अधिकार है, वक्फ बोर्ड का अधिकार नहीं है.
शाहजहां की बहू का मकबरा वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं
बुरहानपुर में मुगल काल की कई इमारतें हैं. इन इमारत की उम्र 100 साल से ज्यादा है, लेकिन वक्फ बोर्ड ने इन इमारत को अपनी संपत्ति बताना शुरू कर दिया है. सामान्य आवेदन पर इन संपत्तियों का अधिग्रहण कर लिया गया है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में गुरुवार को एक याचिका पर सुनवाई की गई. जिसमें बुरहानपुर की तीन ऐतिहासिक इमारतों के बारे में एडवोकेट कौशलेंद्र पेठियां ने इस बात पर आपत्ति जताई कि मुगल बादशाह शाहजहां की बहू का मकबरा वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं हो सकता.
पुरानी इमारतें आर्कियोलॉजिकल ऑफ इंडिया की संपत्ति
इसी तरह दो दूसरी इमारतें हैं, जो 100 साल से ज्यादा पुरानी है. इन्हें भी बोर्ड ने अपनी संपत्ति बताना शुरू कर दिया था. यह इमारतें भी बोर्ड की संपत्ति नहीं हो सकती, क्योंकि 100 साल से ज्यादा पुरानी इमारत के लिए प्राचीन स्मारक संरक्षण अधिनियम 1904 के तहत नियम बने हैं. जिसमें इन इमारत का संरक्षण आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया करेगा. यह आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की या भारत सरकार की संपत्ति मानी जाएगी.
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