नई दिल्लीःदिल्ली विधानसभा चुनाव के मतदान में अब एक माह से कम का वक्त बचा है. आम आदमी पार्टी (आप) के लिए चुनौतियों की सूची लंबी होती जा रही है. मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (डीटीसी) के कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन इन मांगों पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे कर्मचारियों में आम आदमी पार्टी की तरफ काफी रोष है. वहीं, दूसरी ओर दिल्ली की बसों में महिला सुरक्षा के लिए तैनात बस मार्शलों को नौकरी से हटाया जाना और उनका जनहित दल से चुनाव लड़ना आम आदमी पार्टी के लिए नई राजनीतिक मुश्किलें खड़ी कर सकता है.
डीटीसी कर्मचारियों की मांगें और नाराजगीःडीटीसी कर्मचारी लंबे समय से वेतन बढ़ोतरी, नौकरी की शर्तों में सुधार और स्थायी नियुक्तियों जैसी प्रमुख मांगे कर रहे हैं. मुख्यमंत्री आतिशी ने व्यक्तिगत रूप से इन मांगों को गंभीरता से लेने का वादा किया था. हालांकि कर्मचारियों का कहना है कि सरकार ने केवल आश्वासन दिए हैं, जबकि जमीनी स्तर पर स्थिति जस की तस बनी हुई है. इससे डीटीसी कर्मचारियों के बीच असंतोष बढ़ गया है, जो दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के खिलाफ वोटिंग पैटर्न को प्रभावित कर सकता है.
''डीटीसी कर्मचारी आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार से नाराज हैं. डीटीसी के कर्मचारी जनता से सीधे जुड़े हैं. एक कर्मचारी एक दिन में 500 से अधिक लोगों से मिलता है. यदि कर्मचारी आम आदमी पार्टी के खिलाफ अभियान चलाते हैं, तो इसका असर निचले तबके और मध्यम वर्ग के मतदाताओं पर जरूर पड़ेगा.''-ललित चौधरी, अध्यक्ष, डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन
बस मार्शलों का मुद्दा भी नुकसानदायकःदिल्ली की बसों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बस मार्शल नियुक्त किए गए थे. महिला सुरक्षा दिल्ली सरकार की एक प्रमुख पहल है और बस मार्शल इस पहल का हिस्सा थे. दिसंबर 2024 में 10 हजार से अधिक बस मार्शलों को नौकरी से हटा दिया गया. बस मार्शलों का कहना है कि जिस नोटिस से उन्हें नौकरी से हटाया गया उस पर केजरीवाल के भी हस्ताक्षर हैं, जिससे बस मार्शलों की नाराजगी चरम पर है. पांच बस मार्शल जनहित दल के टिकट पर दिल्ली चुनाव लड़ने जा रहे हैं. ये घटना सीधे तौर पर आप की छवि पर चोट करती है, क्योंकि बस मार्शल योजना को पार्टी ने अपने महिला सुरक्षा एजेंडे के तहत प्रचारित किया था. बस मार्शल इसी एजेंडे को मुद्दा बनाकर चुनाव प्रचार करेंगे.
DTC कर्मचारियों व बस मार्शलों के मुद्दे AAP के लिए चुनौती (etv bharat)
''डीटीसी कर्मचारियों और बस मार्शल के मुद्दे से आम आदमी पार्टी को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा. क्योंकि इनकी सेवाओं से जुड़े मामले में आम आदमी पार्टी अकेले कुछ नहीं कर सकती थी. विभागों और उपराज्यपाल की तरफ से ठोस कार्य नहीं किए गए हैं.'-जगदीश ममगांई, राजनीतिक विश्लेषक
आम आदमी पार्टी की छवि पर क्या पड़ेगा असर:आम आदमी पार्टी ने ईमानदार और संवेदनशील सरकार का नारा देकर सत्ता हासिल की थी. इन मुद्दों पर सरकार की निष्क्रियता से मतदाताओं के बीच यह धारणा बन सकती है कि आप केवल वादों की राजनीति कर रही है. इससे आगामी चुनाव में पार्टी को राजनीतिक नुकसान हो सकता है. हालांकि दिल्ली की राजनीति पर नजर रखने वाले राजनीतिक विश्लेषक जगदीश ममगांई का कहना है कि डीटीसी कर्मचारियों और बस मार्शल के मुद्दे से आम आदमी पार्टी को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं होगा. क्योंकि इनकी सेवाओं से जुड़े मामले में आम आदमी पार्टी अकेले कुछ नहीं कर सकती थी. विभागों और उपराज्यपाल की तरफ से ठोस कार्य नहीं किए गए हैं.