श्रीनगर: मीरवाइज-ए-कश्मीर मौलवी मुहम्मद उमर फारूक ने खुद को एक बार फिर नजरबंद करने की प्रशासन की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है. बता दें कि प्रशासन ने उमर फारूक मुहाजिर-ए-मिल्लत मीरवाइज मौलाना मुहम्मद यूसुफ शाह के बेटे दिवंगत मीरवाइज मौलवी मुहम्मद अहमद शाह की पूर्व-निर्धारित जनाजे की नमाज में शामिल होने से रोक दिया था.
जनाजे की नमाज परिवार के पैतृक घर मीरवाइज मंजिल राजौरी कदल में होनी थी, जिसके बाद सेंट्रल जामिया मस्जिद श्रीनगर में मय्यत (शव) की गैर-मौजूदगी जनाजे की नमाज निर्धारित थी.
मीरवाइज उमर फारूक ने एक बयान में गहरी निराशा जताई कि उन्हें एक प्रमुख व्यक्ति और परिवार के मुखिया मौलवी मुहम्मद अहमद शाह के निधन पर आयोजित जनाजे की नमाज में शामिल होने से रोक दिया गया, जिनके निधन पर पूरे कश्मीर के लोगों ने शोक व्यक्त किया था और उनके जनाजे की नमाज में शामिल होना चाहते थे.
हालांकि, प्रशासन ने न सिर्फ ऐतिहासिक मीरवाइज मंजिल राजौरी कदल को बंद कर दिया, बल्कि सेंट्रल जामिया मस्जिद को भी बंद कर दिया, जिससे जनाजे की नमाज की इजाजत नहीं मिली.
बयान में कहा गया है कि वास्तव में, अंजुमन औकाफ जामा मस्जिद के पदाधिकारियों को सूचित किया गया था कि अगर जनाजे की नमाज पढ़ी गई, तो अधिकारियों द्वारा एफआईआर दर्ज की जाएगी.