दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

पुलवामा में बादाम उद्योग के लिए क्या खतरा बन सकते हैं हाई डेंसिटी वाले सेब के बगीचे? जानें वजह - high density apple orchards

बादाम की फसलों का उचित दाम नहीं मिल पाने के कारण किसानों ने पारंपरिक बादाम के बागानों को काटकर हाई डेंसिटी वाले सेब की बागवानी को अपना रहे हैं. पढ़ें पूरी खबर....

high density apple orchards
हाई डेंसिटी वाले सेब के बगीचे

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 14, 2024, 3:46 PM IST

पुलवामा : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के लोग हाई डेंसिटी सेब की खेती काफी बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. उच्च घनत्व सेब की खेती जम्मू-कश्मीर में सेब उद्योग में क्रांति ला रही है, इस खेती पद्धति की मांग काफी बढ़ रही है. लेकिन उच्च घनत्व सेब की खेती बादाम उद्योग के लिए खतरा साबित हो रहा है. दरअसल, पारंपरिक बादाम के पेड़ों को काटा जा रहा है और उन्हें हाई डेंसिटी वाले सेब के बगीचों में परिवर्तित किया जा रहा है.

हाई डेंसिटी वाले सेब के बगीचे

बता दें, दक्षिण कश्मीर का पुलवामा जिला पूरी घाटी में खेती के लिए जाना जाता है और यहां के किसान आजकल खेती के लिए आधुनिक तकनीक अपना रहे हैं. जिससे किसानों को काफी ज्यादा फायदा हो रहा है. किसानों का कहना है कि हाल के वर्षों में विभिन्न कारणों से नुकसान झेलने के बाद, हाई डेंसिटी सेब की खेती ने बाजार में अच्छा रिटर्न देकर उनके चेहरे पर मुस्कान वापस ला दी है. उन्होंने कहा कि 2015 के बाद कश्मीर में सेब की नई किस्में पेश की गईं. जो रोपण के एक साल बाद ही फल देना शुरू कर देते हैं और चौथे या पांचवें साल में पूरी तरह काफी मात्रा में फल देना शुरू कर देते हैं.

हाई डेंसिटी वाले सेब के बगीचे

हाई डेंसिटी सेब की खेती से पुलवामा जिले के किसानों को लाभ हुआ है और उन्होंने अपने पारंपरिक फलों के बागानों को उच्च घनत्व वाले सेब के बगीचों में बदल दिया है. बता दें, पुलवामा जिले में कई हजार नहरें हैं, जहां जिले के किसान केवल बादाम की खेती करते हैं और ये बाग बादाम की खेती के लिए उपयुक्त माने जाते हैं. लेकिन पिछले कुछ सालों में इन जगहों से बादाम के पेड़ों को काटकर वहां, उच्च घनत्व वाले सेब के बागान लगाए गए जा रहे है और यह सिलसिला लगातार जारी है.

हाई डेंसिटी वाले सेब के बगीचे

दरअसल, पुलवामा जिले में सबसे ज्यादा बादाम का उत्पादन होता था, लेकिन अब ऐसा लगता है कि यह उद्योग पूरी तरह से खत्म हो जाएगा. बागवानी विभाग का कहना है कि उन्होंने बादाम के लिए भी हाई डेंसिटी वाले पौधे विकसित किए हैं, लेकिन ये अभी तक किसानों तक नहीं पहुंच पाए हैं. इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि बादाम की फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है, जिसके कारण हमने पारंपरिक बादाम के बागानों को काट दिया है और हम उच्च घनत्व वाले सेब को अपना रहे हैं.

उन्होंने आगे कहा कि भले ही मौजूदा समय में हर चीज महंगी हो गई है, लेकिन बादाम की फसल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि उच्च घनत्व वाले बगीचों में हमें काफी फायदा दिख रहा है, जिसके चलते हमने अपने बगीचों में उच्च घनत्व वाले फल लगाने का निर्णय लिया है.

लेकिन, अगर यह सिलसिला इसी तरह चलता रहा तो आने वाले समय में हाई डेंसिटी फलों के दामों में कमी आने के साथ ही जिले में बादाम का नामोनिशान नहीं रहेगा.

ये भी पढ़ें-

ABOUT THE AUTHOR

...view details