इंदौर: देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर नए साल से पूरी तरीके से भिखारी मुक्त हो गया है. शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए यहां बड़े पैमाने पर चलाए गए अभियान के बाद शहर में भिक्षावृत्ति पर पूरे तरीक से प्रतिबंध लगा दिया गया है. कलेक्टर ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. भिखारियों की मदद करना भी अब अपराध होगा. इतना ही नहीं अब किसी चौराहे अथवा सार्वजनिक स्थान पर भीख मांगने या भिखारी की सूचना देने वाले को जिला प्रशासन की ओर से 1000 रुपये का इनाम भी दिया जाएगा.
'भीख मांगना और मदद करना दोनों अपराध'
इंदौर जिला प्रशासन ने 1 जनवरी से शहर को पूरी तरह से भिक्षुक मुक्त करने की घोषणा की थी. इसी के तहत कलेक्टर आशीष सिंह शुक्रवार को नागरिक संहिता 2023 की धारा 163 (1-2) नागरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए हैं. इस आदेश के बाद "इंदौर जिले में भीख मांगना अब अपराध होगा. इसके अलावा भिखारी से समान खरीदना या उनकी किसी भी तरह की मदद करना भी अपराध की श्रेणी में आएगा. ऐसे लोगों के खिलाफ धारा 144 के तहत कार्रवाई की जाएगी."
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किसी चौराहे या सार्वजनिक स्थान पर भीख मांगने वाले की सूचना देने के लिए जिला प्रशासन की ओर से एक सार्वजनिक नंबर भी जारी किया गया है. 9691494951 नंबर पर कोई भी व्यक्ति भीख मांगने वाले की सूचना दे सकता है. शिकायत करने के बाद संबंधित भिखारी का भौतिक सत्यापन के बाद सूचना देने वाले को 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इसके अलावा शहर में भिखारी की दर पकड़ के लिए गठित दलों को सतर्क किया गया है कि किसी भी स्थिति में कोई भी भिक्षुक सार्वजनिक स्थान पर भीख नहीं मांग सके.
354 भिखारियों का किया गया रेस्क्यू
कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेश में स्पष्ट किया गया है कि "सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने वाले भिखारी का आपराधिक रिकॉर्ड होगा. इसके अलावा भिक्षुक नशे में भी लिप्त रहते हैं जिसके कारण सड़क पर दुर्घटना की आशंका रहती है. शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन ने दल गठित करके अभियान चलाया और इस अभियान में 354 भिखारियों का रेस्क्यू किया गया है. इसके अलावा 45 बच्चों को रेस्क्यू करने के बाद सामाजिक सुधार संस्थानों में भेजा गया है.