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भीख मांगना मदद करना अपराध, कलेक्टर का फरमान, भिखारी का पता दो और इनाम लो - BEGGING AND HELPING NOW CRIME

देश का स्वच्छ शहर इंदौर अब पूरी तरह भिखारी मुक्त हो गया है. भीख मांगना और उनकी मदद करना दोनों अपराध की श्रेणी में आएगा.

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इंदौर में भीख मांगना और मदद करना अब अपराध (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 3, 2025, 5:09 PM IST

Updated : Jan 3, 2025, 6:13 PM IST

इंदौर: देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर नए साल से पूरी तरीके से भिखारी मुक्त हो गया है. शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए यहां बड़े पैमाने पर चलाए गए अभियान के बाद शहर में भिक्षावृत्ति पर पूरे तरीक से प्रतिबंध लगा दिया गया है. कलेक्टर ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. भिखारियों की मदद करना भी अब अपराध होगा. इतना ही नहीं अब किसी चौराहे अथवा सार्वजनिक स्थान पर भीख मांगने या भिखारी की सूचना देने वाले को जिला प्रशासन की ओर से 1000 रुपये का इनाम भी दिया जाएगा.

'भीख मांगना और मदद करना दोनों अपराध'

इंदौर जिला प्रशासन ने 1 जनवरी से शहर को पूरी तरह से भिक्षुक मुक्त करने की घोषणा की थी. इसी के तहत कलेक्टर आशीष सिंह शुक्रवार को नागरिक संहिता 2023 की धारा 163 (1-2) नागरिक सुरक्षा अधिनियम के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए हैं. इस आदेश के बाद "इंदौर जिले में भीख मांगना अब अपराध होगा. इसके अलावा भिखारी से समान खरीदना या उनकी किसी भी तरह की मदद करना भी अपराध की श्रेणी में आएगा. ऐसे लोगों के खिलाफ धारा 144 के तहत कार्रवाई की जाएगी."

देश का स्वच्छ शहर इंदौर अब पूरी तरह भिखारी मुक्त (ETV Bharat)
इंदौर जिले में भीख मांगना अपराध (ETV Bharat)
इंदौर जिले में भिखारियों की मदद करना भी अपराध (ETV Bharat)

सूचना देने पर मिलेगा 1000 का इनाम

किसी चौराहे या सार्वजनिक स्थान पर भीख मांगने वाले की सूचना देने के लिए जिला प्रशासन की ओर से एक सार्वजनिक नंबर भी जारी किया गया है. 9691494951 नंबर पर कोई भी व्यक्ति भीख मांगने वाले की सूचना दे सकता है. शिकायत करने के बाद संबंधित भिखारी का भौतिक सत्यापन के बाद सूचना देने वाले को 1000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इसके अलावा शहर में भिखारी की दर पकड़ के लिए गठित दलों को सतर्क किया गया है कि किसी भी स्थिति में कोई भी भिक्षुक सार्वजनिक स्थान पर भीख नहीं मांग सके.

354 भिखारियों का किया गया रेस्क्यू

कलेक्टर द्वारा जारी किए गए आदेश में स्पष्ट किया गया है कि "सार्वजनिक स्थानों पर भीख मांगने वाले भिखारी का आपराधिक रिकॉर्ड होगा. इसके अलावा भिक्षुक नशे में भी लिप्त रहते हैं जिसके कारण सड़क पर दुर्घटना की आशंका रहती है. शहर को भिक्षुक मुक्त बनाने के लिए जिला प्रशासन ने दल गठित करके अभियान चलाया और इस अभियान में 354 भिखारियों का रेस्क्यू किया गया है. इसके अलावा 45 बच्चों को रेस्क्यू करने के बाद सामाजिक सुधार संस्थानों में भेजा गया है.

Last Updated : Jan 3, 2025, 6:13 PM IST

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