नई दिल्ली: भारतीय रेलवे नेशनल इंटिग्रेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसे अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा भी कहा जाता है. पिछले कुछ साल में रेलवे ने अपने नेटवर्क को देश के सबसे दूरदराज के हिस्से तक पहुंचाया है. वर्तमान में, यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है.
पिछले हफ्ते लोकसभा में पेश की गई अपनी रिपोर्ट में संसदीय स्थायी समिति ने मंत्रालय से विभिन्न ट्रेनों में अपने यात्री किराए की समीक्षा करने को कहा. समिति ने कहा कि भारतीय रेलवे का नेट रेवेन्यू वित्त वर्ष 23 और वित्त वर्ष 24 में कम रहा है. समिति ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 25 के लिए नेट रेवेन्यू का बजट अनुमानित 2800 करोड़ रुपये रखा गया है.
भारतीय रेलवे का राजस्व
भारतीय रेलवे ट्रैफिक रेवेन्यू बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय रेलवे का राजस्व 2,56,093 करोड़ रुपये था, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 6.6 प्रतिशत अधिक है. रेल मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "उपलब्ध सुविधाओं बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पैसेंजर रेवेन्यू बढ़ाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाना, ऑनबोर्ड क्षमता में वृद्धि, प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी-फेयर योजना की शुरुआत, कम व्यस्तता वाले वर्गों और खंडों में ग्रेडेड छूट, जहां भी आवश्यक हो आरक्षण कोटे की समय-समय पर समीक्षा, विकल्प के रूप में जानी जाने वाली वैकल्पिक ट्रेन आवास जैसी योजनाओं का विस्तार भी किया गया है."
इसमें आगे कहा गया है कि माल ढुलाई और गैर-किराया राजस्व बढ़ाने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं, जैसे गति शक्ति कार्गो टर्मिनल नीति, संशोधित इंजन ऑन लोड नीति, वैगन निवेश योजनाएं, गुड्स शेड रेटिंग डैशबोर्ड का शुभारंभ, वाणिज्यिक आय और गैर-किराया राजस्व अनुबंधों के लिए ई-नीलामी नीति और संयुक्त पार्सल उत्पाद-रैपिड कार्गो सेवा (जेपीपी-आरसीएस) आदि.
रेलवे के परिचालन में सुधार
ईटीनाउकी रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रेलवे ने कहा कि परिचालन अनुपात में सुधार हमेशा से उसकी प्राथमिकता रही है. रेलवे ने बताया कि आय बढ़ाने और खर्चों को नियंत्रित करने के उपाय करने की आवश्यकता है.फिलहाल विभिन्न पहलों के कारण वित्त वर्ष 2023-24 में उसका परिचालन अनुपात सुधरकर 98.43 प्रतिशत हो गया.