नई दिल्ली : कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के पद छोड़ने की घोषणा के बाद से वहां पर प्रधानमंत्री पद के कई दावेदार सामने आए हैं. हालांकि ट्रूडो नए नेता के चुने जाने तक पद पर बने रहेंगे. इसी बीच कनाडा के नेपियन से भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य आधिकारिक रूप से प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल हो गए हैं.
इतना ही नहीं चंद्र आर्य ने न केवल नामांकन दाखिल किया बल्कि उन्होंने सदन को कन्नड़ में संबोधित किया. बता दें कि कर्नाटक के तुमकुर जिले के मूल निवासी चंद्र आर्य ने कनाडा जाने से पूर्व धारवाड़ से एमबीए किया था. वहीं इस सप्ताह के शुरू में उन्होंने घोषणा की थी कि वह कनाडा के प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं.
इसी क्रम में चंद्र आर्य ने 13 जनवरी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "हमारा देश संरचनात्मक चुनौतियों का सामना कर रहा है, इसके लिए कड़े समाधान की आवश्यकता है. हमें अपने बच्चों और नाती-नातिनों की समृद्धि तय करने के लिए साहसिक राजनीतिक निर्णय लेने होंगे."
गौरतलब है कि आर्य खालिस्तानी समर्थकों की आलोचना करते आए हैं. साथ ही उन्होंने कनाडा में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की भी कड़ी निंदा की थी. चंद्र आर्य को विदेश मंत्री एस. जयशंकर सच्चा समर्थक बताते रहे हैं. आर्य इस बात की घोषणा कर चुके हैं कि वह लिबरल नेतृत्व का चुनाव लड़ेंगे.
कनाडा के सांसद आर्य ने एक्स पर लिखा कि मैं कनाडा के अगले प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव लड़ रहा हूं, जिससे हमारे देश के पुनर्निर्माण के अलावा भावी पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित के लिए एक कुशल सरकार का नेतृत्व कर सकूं.
चंद्र आर्य ने लिखा कि हम इस प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं जिसको पीढ़ियों से नहीं देखा गया है और इसको हल करने के लिए कठिन विकल्पों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा कनाडा के लोगों के लिए सबसे अच्छा काम करने को लेकर कड़ी मेहनत की है. सांसद आर्य का मानना था कि देश को एक संकटपूर्ण तूफान का मुकाबला करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कामकाजी मध्यम वर्ग आज संघर्ष कर रहा है साथ ही कई कामकाजी परिवार गरीबी में जा रहे हैं.
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