रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): केदारनाथ पैदल मार्ग पर आई त्रासदी के बाद रेस्क्यू अभियान चौथे दिन भी जारी है. त्रासदी के चौथे दिन सेना की मदद ली गई. 40 आर्मी के जवान सोनप्रयाग-गौरीकुंड के बीच बंद मार्ग को खोलने में जुटे हैं. आज सुबह से ही तीर्थ यात्रियों को पैदल मार्ग से लाने का भी रेस्क्यू जारी है. वहीं अभी तक 9099 तीर्थयात्रियों को रेस्क्यू किया जा चुका है.
सेना ने संभाली कमान:केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए यात्रियों को सुरक्षित रेस्क्यू करने के लिए शासन-प्रशासन लगातार मुस्तैदी से कार्य कर रहा है. रेस्क्यू कार्यों में तेजी लाने के लिए अब सेना की भी मदद ली जा रही है. जनपद में तैनात 6 ग्रेनेडियर यूनिट कर्नल हितेश वशिष्ठ के नेतृत्व में सेना रास्तों को पुनर्स्थापित करने और पुल बनाने के अलावा सर्च अभियान में मदद करेगी. प्राथमिकता के आधार पर पहले सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाश आउट हुए मार्ग पर पैदल पुल बनाया जा रहा है. जिलाधिकारी सौरभ गहरवार, पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे मौके पर मॉनिटरिंग कर रही हैं.
यात्रियों को लिंनचोली किया रवाना:सीईओ बीकेटीसी योगेंद्र सिंह ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के चौथे दिन केदारनाथ धाम में फंसे हुए यात्रियों 373 यात्रियों, स्थानीय लोगों एवं मजदूरों को एनडीआरएफ, एसडीआरएफ एवं अन्य सुरक्षा बलों की मदद से लिंनचोली तक पहुंचाने के लिए रवाना कर दिया गया है. लिनचोली से एयर लिफ्ट कर इन सभी को रेस्क्यू किया जाएगा. वहीं केदारनाथ हैलीपैड पर अभी 570 यात्री, स्थानीय लोग और मजदूर एयरलिफ्ट होने का इंतजार कर रहे हैं.
यात्रियों को रेस्क्यू कर चौमासी पहुंचाया:केदारनाथ में सभी लोगों के लिए जिला प्रशासन, बीकेटीसी और तीर्थ पुरोहित समाज द्वारा फूड पैकेट्स, पानी की बोतलें, फल उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उधर रामबाड़ा चौमासी ट्रैक से एनडीआरएफ व एसडीआरएफ द्वारा 110 यात्रियों को रेस्क्यू कर चौमासी पहुंचा दिया गया है. ट्रैक पर सुरक्षा बलों द्वारा यात्रियों को लगातार फूड पैकेट्स, पानी सहित चिकित्सा उपचार उपलब्ध करवाया गया. अब तक इस मार्ग से 534 से अधिक यात्रियों एव स्थानीय लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है.
जंगल में भटक गए थे यात्री:बीती देर रात सोनप्रयाग कोतवाली से एसडीआरएफ सोनप्रयाग की टीम को सूचना प्राप्त हुई कि 11 श्रद्धालु त्रिजुगीनारायण से ऊपर 08 किलोमीटर की दूरी पर जंगल में भटक गए हैं. उनके पास खाने-पीने का सामान समाप्त हो चुका था, उन्हें तत्काल मदद की आवश्यकता है. सूचना प्राप्त होते ही मणिकांत मिश्रा, सेनानायक SDRF के निर्देश पर एसडीआरएफ की टीम 13 किलोमीटर के सड़क मार्ग से त्रिजुगीनारायण के लिए रवाना हुई.