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भारत-अमेरिका सहयोग नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था को मजबूत करने में सक्षम: राजनाथ

राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत और अमेरिका स्वतंत्र, खुली और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करते हैं. इससे हमारे सामरिक हितों में काफी समानता आ रही है.' सिंह ने कहा, 'इसके अलावा आर्थिक संबंध दोनों देशों के लिए लाभकारी स्थिति में हैं.

Rajnath Singh
राजनाथ सिंह

By PTI

Published : Jan 30, 2024, 9:38 PM IST

नई दिल्ली:हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की सेना के दबदबा बढ़ाने के प्रयासों पर वैश्विक चिंताओं के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत और अमेरिका 'स्वाभाविक साझेदार' हैं और दोनों देशों के बीच सहयोग से नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था को मजबूती मिलेगी. सिंह ने कहा कि भारत अमेरिकी कंपनियों के लिए जोखिम कम करने वाली जगह हो सकती है और यह देश निवेश के अच्छे लाभ दिला सकता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका की पूंजी और प्रौद्योगिकी संबंधी जानकारी भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने में मदद कर सकती है.

रक्षा मंत्री इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईएसीसी) द्वारा 'भारत अमेरिका संबंधों को मजबूत करना' विषय पर एक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. सिंह ने कहा कि रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास संघर्षों ने भारत के रक्षा क्षेत्र पर ज्यादा प्रभाव नहीं डाला है और इस बात पर जोर दिया कि भारत एक मजबूत देश बन गया है, जो राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने और उस पर 'बुरी नजर' डालने वाले किसी भी व्यक्ति को करारा जवाब देने में सक्षम है.

उन्होंने कहा, 'भारत और अमेरिका स्वतंत्र, खुली और नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करते हैं. इससे हमारे सामरिक हितों में काफी समानता आ रही है.' सिंह ने कहा, 'इसके अलावा आर्थिक संबंध दोनों देशों के लिए लाभकारी स्थिति में हैं. मौजूदा संबंध साझा मूल्यों और समान हितों से संचालित हैं जो संबंधों के टिकाऊ होने और मजबूत होने की गारंटी है.' उन्होंने कहा, 'भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका भी एक बड़ा लोकतंत्र है. जब दो बड़े लोकतंत्र एक दूसरे को सहयोग करते हैं तो निश्चित रूप से लोकतांत्रिक वैश्विक व्यवस्था मजबूत होगी.'

सिंह ने 'आत्मनिर्भर भारत' पहल के पीछे सरकार के दृष्टिकोण को विस्तार से बताते हुए कहा कि देश सही रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और आने वाले समय में लड़खड़ाएगा नहीं. उन्होंने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय द्वारा लिए गए निर्णयों को गिनाया जिनमें घरेलू उद्योग के लिए रक्षा पूंजी खरीद बजट का 75 प्रतिशत निर्धारित करना शामिल है. सिंह ने कहा, इससे भारत को रक्षा उपकरण निर्यात करने वाले शीर्ष 25 देशों में जगह बनाने में मदद मिली है.

उन्होंने कहा, 'रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास संघर्षों का रक्षा क्षेत्र पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है. भारत एक मजबूत देश बन गया है, जो राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने और बुरी नजर डालने वाले को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है.' सिंह ने यह भी कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' का उद्देश्य वैश्विक प्रणाली से कटना और अलग-थलग होकर काम करना नहीं है. उन्होंने मित्र देशों के साथ रफ्तार बनाकर रखने के लिए भारत में हर क्षेत्र में किए गए बदलावों को भी गिनाया.

सिंह ने कहा, 'भारत एक विश्वस्तरीय अवसंरचना का विकास कर रहा है.' रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने एक मजबूत और आत्मनिर्भर 'न्यू इंडिया' के लिए आधारशिला रखी है और अमेरिकी निवेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'विकसित भारत' के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. सिंह ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के बीच संयुक्त पहल 'निसार' पृथ्वी विज्ञान, आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग सुनिश्चित करेगी.

'निसार' नासा और इसरो के बीच एक संयुक्त पृथ्वी-अवलोकन मिशन है.

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