नई दिल्ली :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुवैत की अपनी दो दिवसीय यात्रा पूरी कर स्वदेश लौट आए. किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस खाड़ी देश की 43 वर्षों में पहली यात्रा थी. कुवैत के अमीर शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के निमंत्रण पर पीएम मोदी आधिकारिक दौरे पर गए थे.
इस यात्रा से बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर वार्ता हुई. इसमें प्रमुख रूप से दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई गई.
कुवैत के साथ साझेदारी बढ़ाने के लिएजेसीसी का गठन
जेसीसी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा और निगरानी करने के लिए एक तंत्र होगा और इसका नेतृत्व दोनों देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा किया जाएगा. विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और बढ़ाने के लिए समय-समय पर मंत्री स्तरीय बैठकें की जाएंगी. विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने जेसीसी और इसके तहत जेडब्ल्यूजी की बैठकें जल्द से जल्द आयोजित करने पर जोर दिया.
व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर साझेदारी
पीएम मोदी ने भारत और कुवैत के बीच साझेदारी को बढ़ाने पर जोर दिया है. इसमें द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए एक संस्थागत तंत्र के रूप में सहयोग पर संयुक्त आयोग (जेसीसी) की स्थापना शामिल है. दोनों देशों ने व्यापार, निवेश, ऊर्जा, रक्षा और प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर साझेदारी की पुष्टि की.
इसके साथ ही तेल और गैस की खोज और उत्पादन, रिफाइनिंग, इंजीनियरिंग सेवाओं, पेट्रोकेमिकल उद्योगों, नई और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया. स्वास्थ्य, जनशक्ति और हाइड्रोकार्बन पर मौजूदा संयुक्त कार्य समूहों के अलावा व्यापार, निवेश, शिक्षा और कौशल विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, सुरक्षा और आतंकवाद-रोधी, कृषि और संस्कृति के क्षेत्रों में नए संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) स्थापित किए गए हैं.