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भारत का पहला इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर इस शहर में खुलेगा, उगेंगे 6000 किस्म के आलू, मालामाल होंगे किसान - आगरा न्यूज

आगरा में आलू की 6000 वैरायटी पैदा होंगी. इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 8, 2024, 1:34 PM IST

आगरा में बड़े पैमाने पर हो रहा आलू का उत्पादन.

आगराःआगरा में इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर खुलने से आगरा और आसपास के जिलों के आलू के किसानों के दिन बहुरेंगे जिससे किसानों की सबसे बड़ी समस्या आलू के उन्नत बीज की समस्या का समाधान होगा. नई टेक्निक और ट्रेनिंग से किसान अपडेट किए जाएंगे. इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर में नए आलू के बीज पर काम होगा. ईटीवी भारत ने इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर सिप के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. मोहिंदर सिंह कादियान से एक्सक्लूसिव बातचीत की. इसमें उन्होंने बताया कि एशिया के दूसरे और भारत के पहले इंटरनेशनल पटैटो सेंटर में करीब 6000 आलू की वैरायटी पर काम होगा जो यहां की मौसम और मिटटी के आधार पर तैयार की जाएंगी. इससे आलू पैदावार बेहतर होगी. इसके साथ ही आलू की प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाने की किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी.




बता दें कि आगरा में इंटरनेशन पोटैटो सेंटर पेरू की एक ब्रांच आगरा में खुल रही है जो एशिया की दूसरे इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर की दूसरी शाखा है. भारत से पहले चीन में एक ब्रांच हैं. सीएम योगी के प्रयास से आगरा में ये सेंटर खुल रहा है जो आगरा दिल्ली हाईवे पर स्थित गांव सींगना के पास बनेगा. इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है.

65 दिन में मिलेगी आलू की फसल
इंटरनेशनल पटैटो सेंटर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. मोहिंदर सिंह कादियान ने बताया कि, आगरा में इंटरनेशन पटैटो सेंटर खुलने से यहां पर ज्यादा से ज्यादा हैडक्वाटर पेरू के लीमा से जर्म प्लाजम लाना चाहते हैं. जर्म प्लाजम को वैरायटी कहते हैं जिनकी यहां रिसर्च होगी. इससे नई वैरायटी बनेगी. जिससे किसान भाइयों को नई वैरायटी मिले जिससे अच्छी पैदावार मिले. जो वैरायटी यहां पर तैयार होंगी वो 65 दिन में तैयार होंगी. जो जल्द तैयार हों जल्द खुदाई हो. जल्द बाजार में पहुंचे. जिससे किसानों को बेहतर भाव मिले. जिससे ज्यादा आमदनी हो. जिससे किसान दोबारा से आलू की फसल लगा लें या खेत में गेंहू या अन्य फसल कर सकें.

सस्ती दर पर मिलेगा बढ़िया आलू का बीज
इंटरनेशनल पटैटो सेंटर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. मोहिंदर सिंह कादियान ने बताया कि, आगरा के इंटरनेशनल पोटैटो सेंटर में बेहतरीन लैब बनाई जाएंगी जो अत्याधुनिक होंगी क्योंकि, आगरा में छह हजार जर्म प्लाजम वैरायटी को कंजर्व करना मुश्किल होगा. आलू का बीज बनाने के लिए नई टेक्नोलाॅजी बनाएंगे. अभी किसान भाई जो आलू का बीज बना रहे हैं. इसमें किसान भाई एरोपोनिक के थ्रू खरीदते हैं जो छह से आठ रुपये में मिलता है. यहां पर नई टैक्नोलाॅजी से एपिकन रूटेट कटिंग है. जिसकी काॅस्ट एक से दो रुपये होगी. एक एपिकन रूटेट कटिंग टयूबर्स लेती है. इसे जब किसान भाई एक एकड में लगाएंगे तो छह लाख आलू बनेंगे. छह लाख आलू से 12 एकड जमीन में आलू की फसल कर सकेंगे. जिससे किसानों का सीड एक से 12 गुना हो जाएगा. अत्याधुनिक टैक्निक से आलू का बीज अधिक बन गया. काॅस्ट भी कम हो गई. मगर, किसान की आमदनी अधिक होगी. जो टिश्यू कल्चर से बनेगा. यह बीमारी से फ्री बीज बनेगा. कम दवा उपयोग की वैरायटी भी तैयार की जाएगी. जिससे किसानों की लागत कम होगी. स्वास्थ्य के लिए आलू खतरनाक ना हो.

ड्रिप इरिगेशन से बढ़ेगी 20 प्रतिशत पैदावार
इंटरनेशनल पटैटो सेंटर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. मोहिंदर सिंह कादियान ने बताया कि, आगरा में किसानों की बेहतर ट्रेनिंग पर भी काम किया जाएगा. क्योंकि, आज की बात करें तो यूपी के अलावा गुजरात से आलू अधिक मात्रा में एक्सपोर्ट होता है. आगरा भी आलू एक्सपोर्ट में हब बने. इसके लिए गुजरात के किसानों की तरह ही अत्याधुनिक टैक्नोलोजी से किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी. क्योंकि, गुजरात में किसान ड्रिप इजीगेशन से सिंचाई करते हैं. जिससे पानी की जरूरत कम होती है. आलू की पैदावार 20 प्रतिशत बढी है. इसके साथ ही आलू का साइज भी बेहतर होने के साथ ही चमक भी बेहतर होती है. इस बारे में आगरा के किसानों को ट्रेनिंग दी जाएगी.

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