INDIA FIRST FEMALE DACOIT PUTLIBAI: छोटी सी उम्र में नाच गाने से मशहूर हुई पुतलीबाई कभी डाकू नहीं बनना चाहती थी. उसे नाच गाने और संजने संवरने का शौक था. वह नाचती थी, तो देखने वाले देखते ही रह जाते थे. चंबल में पैदा होने के बाद उसे बीहड़ पसंद नहीं था. डाकू सुल्ताना का प्यार उसे बीहड़ ले गया. ना चाह कर पुतलीबाई खूंखार डाकू बन गयी. कहा जाता है कि बीहड़ में भी संजने संवरने का शौक हमेशा पूरा किया. वो शराब की भी शौकीन थी. पुलिस ने उसे मुखबिर बनाकर डाकू सुल्ताना के पास भेजा, लेकिन वो डाकू सुल्ताना के प्यार में पड़ गयी. डाकू सुल्ताना के एनकाउंटर के बाद पुतलीबाई डाकू कल्ला के साथ हो गयी.
चंबल के समानांतर बहने वाली कुंंवारी नदी पर पुलिस ने महज 29 साल की उम्र में पुतलीबाई का एनकाउंटर कर दिया. पुतलीबाई को भारत की पहली महिला डकैत होने का तमगा मिला. पुतलीबाई के शौक क्या थे और वह श्रृंगार के साथ कैसी शराब पीना पसंद करती थी. ये सामग्री सागर के जवाहरलाल नेहरू पल्लास अकादमी में आज भी सुरक्षित रखी है.
पुलिस अकादमी के संग्रहालय में पुतलीबाई के गहने और शराब की बोतल
पुतलीबाई के डाकू बनने के पहले नृत्यांगना होने के कारण सजने सवरने का शौक था. पुतलीबाई के एनकाउंटर के बाद उसके पास से हाथ की घड़ी, तावीज, सोने के कंगन, मोहरे, माथे की बोर, नकली चोटी, चांदी का प्याला, ब्रांडी की बॉटल और कई कपड़े निजी सामान मिला था. जिसे फिलहाल सागर स्थित जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी के संग्रहालय में रखा गया है. संग्रहालय में चंबल की डकैत समस्या से जुड़ी कई वस्तुएं और अहम जानकारी मौजूद है. कहा जाता है कि पुतलीबाई हमेशा सज संवर कर रहती थी. बंदूक थामने के बाद भी उसने अपना गेटअप अलग तरीके से तैयार किया था. घोड़े पर साड़ी में ही बैठती थी और डकैती करने श्रृंगार करके जाती थी. उसे शराब पीने का शौक काफी पहले से था और उस समय वह ब्रांडेड ब्रांडी चांदी के प्याली में पिया करती थी. एनकाउंटर के वक्त ब्रांडी की बोतल पुतलीबाई के समान में मिली थी.
मुरैना में हुआ पुतली बाई का जन्म
महज 29 साल की उम्र में चंबल के बीहड़ में पहली महिला डकैत के रूप में मशहूर होने वाली पुतलीबाई का जन्म मुरैना के एक गांव बरबई में 1926 में हुआ था. जिसका बचपन में नाम गौहर बानो रखा गया था. वह बचपन में ही नृत्य कला में प्रवीण हो गयी. ग्वालियर चंबल के अलावा आसपास के इलाकों में पुतलीबाई का जलवा था. कहा जाता है कि पुतलीबाई नाचने के दौरान काफी तेजी से करतब दिखाती थी. लोग कहते थे कि आंखों की पुतली की तरह चंचल है. इसलिए उसे पुतलीबाई कहा जाने लगा.
डाकू सुल्ताना ने देखा नाच और हो गया दीवाना
डाकू सुल्ताना के बारे में कहा जाता था कि उसे महिलाओं से नफरत थी. वो महिलाओं को लालची और मुसीबत की वजह मानता था, लेकिन एक बार जब आगरा में उसने पुतलीबाई का नाच देखा, तो दीवाना हो गया और पुतलीबाई को अपना बनाने का सोचा. उसे जब भी उसे मौका मिलता, वह पुतलीबाई का नृत्य जरूर देखता था. इसी दौरान उसे जानकारी मिली कि पुतलीबाई की शादी धौलपुर में की जा रही है, तो उसने पुतलीबाई का अपहरण कर लिया.