नई दिल्ली: 15 अगस्त से यानी स्वतंत्रता दिवस से पहले केंद्र सरकार ने 'हर घर तिरंगा' अभियान की शुरूआत कर दी है. पीएम मोदी ने 'मन की बात' प्रोग्राम में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लोगों को तिरंगे के साथ अपनी सेल्फी ‘harghartiranga.com’ पर अपलोड करने की अपील की. बता दें कि 15 अगस्त को हर बार लोग अपनों घरों, गाड़ियों और छत्तों पर तिरंगा फहराते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रीय ध्वज के इस्तेमाल और प्रदर्शन को लेकर कुछ नियम और कानून हैं. इतना ही नहीं इनका उल्लंघन करने पर सजा का भी प्रावधान है.
दरअसल, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लोग अक्सर अपनी बाइक या कार पर तिरंगा लगा लेते हैं. हालांकि, हर किसी को ऐसा करने की इजाजत नहीं है. भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के मुताबिक मोटर वाहन पर तिरंगा लगाने का कानूनी अधिकार केवल कुछ लोगों के पास है.
वाहन पर कौन लगा सकता है तिरंगा?
नेशनल फ्लैग कोड 2002 के पैराग्राफ 3.44 के अनुसार वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का विशेषाधिकार केवल राष्ट्रपति, उप-राष्ट्रपति, राज्यपाल, उपराज्यपाल, भारतीय मिशन पदों के प्रमुख, प्रधानमंत्री,कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री, राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के उपाध्यक्ष को ही है.
इसके अलावा लोकसभा के उपाध्यक्ष, राज्यों में विधान परिषदों के अध्यक्ष, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभाओं के अध्यक्ष, राज्यों में विधान परिषद के उपाध्यक्ष, राज्यों में विधानसभाओं के उपाध्यक्ष और केंद्र शासित प्रदेश भारत के मुख्य न्यायाधीश,सुप्रीम कोर्ट के जज और हाई कोर्ट के जजों ही अपने वाहन पर झंडा लगा सकते हैं.
नियम तोड़ने पर सजा
गौरतलब है कि लोगों को केवल घर पर तिरंगा फहराने या फिर हाथ में झंडा लेकर चलने की आजादी है. किसी भी नागरिक को प्राइवेट गाड़ियों पर झंडा लगाने की अनुमति नहीं है ऐसा करना कानून अपराध है. अगर कोई इसका दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत कार्रवाई की जा सकती है. ऐसा करने पर दोषी को 3 साल तक की जेल या जुर्माना, या फिर दोनों सजाएं हो सकती हैं.
झंडा लहराते समय रखें इन बातों का ख्याल
नियमों के अनुसार कोई भी सार्वजनिक/निजी संस्था या शैक्षिक संस्थान का सदस्य किसी भी दिन और किसी भी मौके पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है. लेकिन याद रहे कि जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित किया जाए, तो उसे पूरा सम्मान दिया जाना चाहिए. उसे उचित स्थान पर रखा जाना चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज को जमीन पर या गंदी जगह पर नहीं रखा जाएगा. इसके अलावा फटा या मैला-कुचैला ध्वज नहीं फहराना चाहिए.
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