नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की रहली विधानसभा के अंतर्गत आने वाले शाहपुर नगर परिषद में मंदिर परिसर की दीवार ढह जाने से 9 बच्चों की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि आज रविवार सुबह करीब 9 बजे कई बच्चे मिट्टी के शिवलिंग बनाने के लिए इकट्ठे हुए थे. तभी मिट्टी की दीवार गिरने से उसके नीचे दब गए.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस घटना लेकर शोक जताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर एक पोस्ट करते हुए लिखा कि आज सागर जिले के शाहपुर में दीवार गिरने से 9 मासूम बच्चों के काल कवलित होने की खबर सुनकर मन व्यथित है. घायल बच्चों के उचित इलाज के लिए जिला प्रशासन को निर्देश दिया गया है. भगवान से करबद्ध प्रार्थना है कि दिवंगत बच्चों की आत्मा को शांति प्रदान करें. हादसे में घायल अन्य बच्चों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं. जिन परिवारों ने मासूम बच्चों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं.
इस दौरान सीएम ने मृतक बच्चों के परिजनों को सरकार की तरफ से 4 -4 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा भी की. बता दें कि यह पहला मौका नहीं है, जब किसी मंदिर परिसर या धार्मिक कार्यक्रम के दौरान इस तरह की घटना हुई हो. इससे पहले भी मंदिर परिसर में इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं.
सत्संग के समापन पर भगदड़
इससे पहले 2 जुलाई 2024 को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के मुगल गढ़ी गांव में एक स्वयंभू संत द्वारा आयोजित सत्संग के समापन पर भयानक भगदड़ मच गई. इस घटना में 123 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल थे. इस तरह इस साल 25 मार्च केरल के कोल्लम स्थित कोट्टनकुलंगरा मंदिर में सुबह भगदड़ मचने से पांच वर्षीय बच्ची की मौत हो गई थी.
दो महिलाओं की मौत
17 मार्च 2024 को उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीजी मंदिर में होली से पहले आयोजित कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मच गई. इस घटना में कम से कम छह श्रद्धालु बेहोश हो गए, जबकि भीड़ में से कुछ के घायल होने की खबर है. इससे पहले 24 दिसबंर 2023 को रविवार को मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में भीड़भाड़ के कारण दम घुटने से दो महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई.
द्रौपदी अम्मन उत्सव में 3 लोगों की मौत
30 मार्च 2023 को मध्य प्रदेश के इंदौर में मंदिर ढहने से 36 लोगों की मौत हो गई. यह घटना उस समय हुई, जब रामनवमी हवन के दौरान बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ढह गया. 22 जनवरी 2023 को तमिलनाडु के चेन्नई के पास एक गांव में मंदिर उत्सव के दौरान क्रेन गिरने से कुल तीन लोगों की मौत हो गई और 10 अन्य घायल हो गए. यह घटना चेन्नई के पास नेमिली के किलवेधी गांव में मनाए जा रहे द्रौपदी अम्मन उत्सव के दौरान हुई.
बांके बिहारी मंदिर में भगदड़
20 अगस्त 2022 को उत्तर प्रदेश के वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर में भगदड़ जैसी स्थिति में 65 साल के एक पुरुष और 55 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई, जबकि सात श्रद्धालु घायल हो गए. वहीं, इसी साल 27 अप्रैल को दक्षिण भारत के तमिलनाडु में एक मंदिर द्वारा आयोजित धार्मिक जुलूस के दौरान कम से कम 11 लोग बिजली के झटके से मर गए और 15 अन्य घायल हो गए. यह दुर्घटना उस समय हुई जब मंदिर का रथ तंजावुर जिले में उच्च संचरण वाले तार के संपर्क में आ गया.
माता वैष्णो देवी मंदिर में भगदड़
एक जनवरी 2022 को जम्मू-कश्मीर में प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे. इससे पहले 21 अप्रैल 2019 में तमिलनाडु के त्रिची में मंदिर उत्सव के दौरान भगदड़ में सात लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस के अनुसार, यह घटना त्रिची के मुथयामपलायम गांव में करुप्पासामी मंदिर में ‘चित्र पूर्णिमा’ उत्सव के दौरान हुई थी.
देवघर में एक मंदिर में मची भगदड़
10 अप्रैल 2016 को आतिशबाजी के दौरान मंदिर में रखे पटाखों में आग लगने से बड़ा विस्फोट हो गया. इस घटना में करीब 110 लोगों की मौत हो गई और 400 लोग घायल हो गए थे. यह हादसा केरल के कोल्लम में एक मंदिर परिसर में हुआ था. वहीं, 18 अगस्त 2015 को झारखंड के देवघर शहर में एक मंदिर में मची भगदड़ में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 50 लोग घायल हो गए. यह घटना उस समय हुई थी, जब बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर के कपाट खुलने के तुरंत बाद ही तीर्थयात्री मंदिर की ओर बढ़ गए.
भगदड़ मचने से 27 तीर्थयात्रियों की मौत
इस साल 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के राजमुंदरी में 'पुष्करम' उत्सव के पहले दिन गोदावरी नदी के तट पर एक प्रमुख स्नान स्थल पर भगदड़ मचने से 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 अन्य घायल हो गए. 25 अगस्त 2014 को इस तरह की एक घटना में मध्य प्रदेश के सतना जिले में एक मंदिर में अफवाह के कारण भगदड़ मचने से 10 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 से अधिक घायल हो गए. भगदड़ उस समय मची जब तीर्थयात्री चित्रकूट में कामता नाथ मंदिर के पास एक पहाड़ी की परिक्रमा कर रहे थे.
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