नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज यानी मंगलवार को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ कंपनी के भ्रामक विज्ञापनों के मामले में सुनवाई करेगा. इससे पहले मई के महीने में सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापकों, रामदेव और बालकृष्ण की व्यक्तिगत उपस्थिति से ही छूट दे दी. रामदेव और बालकृष्ण शीर्ष अदालत के समक्ष अपने पहले के निर्देश के अनुसार उपस्थित हुए. पीठ ने पतंजलि को पतंजलि उत्पादों के लिए भ्रामक विज्ञापनों को वापस लेने के लिए उठाए गए कदमों को दर्शाने वाले हलफनामे दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था.
अवमानना मामले में आदेश सुरक्षित रखने के बाद पीठ ने कहा कि जनता जागरूक है, अगर उनके पास विकल्प हैं तो वे अच्छी तरह से सूचित विकल्प चुनते हैं. बाबा रामदेव का बहुत प्रभाव है, इसका सही तरीके से उपयोग करें. जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रामदेव ने योग के लिए बहुत अच्छा काम किया है, तो न्यायमूर्ति कोहिल ने जवाब दिया था कि योग के लिए जो किया गया है वह अच्छा है, लेकिन पतंजलि उत्पाद एक और मामला है.