दिल्ली

delhi

भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के खिलाफ आईएमए की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज करेगा सुनवाई - Patanjali Ayurved Limited Case

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 9, 2024, 9:26 AM IST

PATANJALI MISLEADING ADV CASE IN SC: सुप्रीम कोर्ट ने आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि द्वारा लगातार भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने पर बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ चल रहे मामले में आज सुनवाई करेगा.

PATANJALI MISLEADING ADV CASE IN SC
प्रतीकात्मक तस्वीर. (IANS)

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट आज यानी मंगलवार को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड, योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ कंपनी के भ्रामक विज्ञापनों के मामले में सुनवाई करेगा. इससे पहले मई के महीने में सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना मामले में अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.

जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापकों, रामदेव और बालकृष्ण की व्यक्तिगत उपस्थिति से ही छूट दे दी. रामदेव और बालकृष्ण शीर्ष अदालत के समक्ष अपने पहले के निर्देश के अनुसार उपस्थित हुए. पीठ ने पतंजलि को पतंजलि उत्पादों के लिए भ्रामक विज्ञापनों को वापस लेने के लिए उठाए गए कदमों को दर्शाने वाले हलफनामे दाखिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया था.

अवमानना मामले में आदेश सुरक्षित रखने के बाद पीठ ने कहा कि जनता जागरूक है, अगर उनके पास विकल्प हैं तो वे अच्छी तरह से सूचित विकल्प चुनते हैं. बाबा रामदेव का बहुत प्रभाव है, इसका सही तरीके से उपयोग करें. जब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि रामदेव ने योग के लिए बहुत अच्छा काम किया है, तो न्यायमूर्ति कोहिल ने जवाब दिया था कि योग के लिए जो किया गया है वह अच्छा है, लेकिन पतंजलि उत्पाद एक और मामला है.

शीर्ष अदालत पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और उसके संस्थापकों द्वारा कोविड-19 टीकाकरण अभियान और आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ चलाए गए कथित बदनामी अभियान के खिलाफ भारतीय चिकित्सा संघ की ओर से दायर एक मामले की सुनवाई कर रही थी.

पतंजलि की ओर से पेश वकीलों ने पीठ को बताया कि कंपनी ने उन सभी प्लेटफार्मों को लिखा है जो अभी भी उसके विज्ञापन चला रहे थे. प्रतिबंधित उत्पादों की बिक्री बंद हो गई है. इस बीच, शीर्ष अदालत ने मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर प्रेस को साक्षात्कार देने के लिए आईएमए अध्यक्ष डॉ. आरवी अशोकन की भी खिंचाई की.

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि वह अशोकन की ओर से बिना शर्त माफी मांगने के हलफनामे से संतुष्ट नहीं है. पीठ ने अदालत में मौजूद अशोकन से कहा था कि आप वही काम कर रहे हैं जो पतंजलि ने किया. आप आम आदमी नहीं हैं, क्या आपको ऐसी चीजों के परिणाम नहीं पता? आप अदालत के आदेश पर विलाप करते हुए सोफे पर नहीं बैठ सकते.

ये भी पढ़ें

ABOUT THE AUTHOR

...view details