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आईआईटी मद्रास में पढ़ रहे हैं पांच नेशनल एथलीट, जिन्हें खेल उत्कृष्टता के आधार पर मिला प्रवेश - 5 NATIONAL ATHLETES IN IIT MADRAS

देश का पहला आईआईटी जहां उत्कृष्ट खेल प्रतिभाओं को एक अलग कैटेगरी में प्रवेश मिला, उत्कृष्ट खेल प्रतिभाओं को पहचान और सम्मान देने की यह एक अनोखी पहल है.

आईआईटी मद्रास में पढ़ रहे हैं पांच नेशनल एथलीट
आईआईटी मद्रास में पढ़ रहे हैं पांच नेशनल एथलीट (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 20, 2025, 3:31 PM IST

चेन्नई: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (आईआईटी मद्रास) ने पांच राष्ट्रीय एथलीटों को शैक्षणिक वर्ष 2024-2025 में एक अलग कैटेगरी के तहत ‘खेल उत्कृष्टता के आधार पर प्रवेश’ (एसईए) दिया है. इस पहल के तहत आईआईटी मद्रास के प्रत्येक अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम में भारतीय नागरिकों के लिए दो अतिरिक्त सीटों का प्रावधान किया गया. इनमें एक सिर्फ छात्राओं के लिए है.

आईआईटी मद्रास देश का पहला आईआईटी है जिसके अंडरग्रैजुएट प्रोग्राम में खिलाड़ियों को प्रवेश देने की पहल की गई. इसका उद्देश्य उत्कृष्ट खेल प्रतिभाओं को पहचान और सम्मान देना है. यह प्रोग्राम इन प्रतिभाओं को खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन जारी रखते हुए उच्च शिक्षा लेने के लिए प्रोत्साहित करता है.

पांच नेशनल एथलीट को मिला आईआईटी मद्रास में प्रवेश (ETV Bharat)

आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामकोटी ने राष्ट्रीय उपलब्धि प्राप्त पांच खिलाड़ियों का संस्थान में स्वागत करते हुए कहा, "आईआईटी मद्रास ने खेल में उत्कृष्टता के आधार पर प्रवेश देने की पहल की है. हम यह महत्वपूर्ण संदेश देना चाहते हैं कि छोटे बच्चों को खूल-कूद में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है. मुझे विश्वास है कि हमारा यह संदेश सभी संबंधित लोगों तक पहुंचेगा."

पांच एथलीट जिन्हें 2024-25 शैक्षणिक वर्ष में ‘खेल में उत्कृष्टता के आधार पर प्रवेश’ दिया गया...

1. आरोही भावे, (वॉलीबॉल खिलाड़ी), महाराष्ट्र - बी.एस. (चिकित्सा विज्ञान और इंजीनियरिंग) में प्रवेश

2. आर्यमन मंडल (वाटर पोलो और तैराकी), पश्चिम बंगाल - बी.टेक. (कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग) में प्रवेश

3. नंदिनी जैन (स्क्वॉश), दिल्ली - बी.टेक. (कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग) में प्रवेश

4. प्रभाव गुप्ता (टेबल टेनिस खिलाड़ी), दिल्ली - बी.टेक. (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा विज्ञान) में प्रवेश

5. वंगाला वेदवचन रेड्डी (लॉन टेनिस), आंध्र प्रदेश - बी.टेक. ( आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा विज्ञान) में प्रवेश

आईआईटी मद्रास के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन स्पोर्ट्स साइंस एंड एनालिटिक्स (सीईएसएसए) के प्रमुख प्रो. महेश पंचाग्नुला ने इस पहल को अंजाम देने की जानकारी देते हुए कहा, "हम ने 'स्पोर्ट्स एक्सीलेंस एडमिशन' प्रोग्राम की अवधारणा लगभग दो साल पहले बनाई. हमारे निदेशक प्रो. वी. कामकोटि हमेशा से आईआईटी मद्रास में विविधतापूर्ण और मेधावी प्रतिभाओं को देखना चाहते हैं. संस्थान के अंदर और बाहर के भी भागीदारों से बहुत विचार-विमर्श के बाद जुलाई 2024 में स्पोर्ट्स एक्सीलेंस एडमिशन के तहत विद्यार्थियों के पहले बैच को प्रवेश दिया गया."

प्रो. महेश पंचाग्नुला जो आईआईटी मद्रास के डीन (एमेरिटस) भी हैं , ने कहा, "हमारे पास कई आवेदन आए. उनमें पांच उम्मीदवारों को प्रवेश दिया गया जो उत्कृष्ट खेल प्रतिभा होने के साथ-साथ शिक्षा के मानक पर भी सुयोग्य पाए गए. वे आईआईटी के किसी भी अन्य विद्यार्थी की तरह जेईई (एडवांस्ड) में सफल रहे हैं. यानी आवश्यक शैक्षिक योग्यता की गुणवत्ता में कमी नहीं की गई है, बल्कि खेल प्रतिभा की पहचान की गई और इस उत्कृष्टता को सम्मान दिया गया है."

प्रो. महेश पंचाग्नुला ने कहा, ‘‘उत्कृष्ट खेल प्रतिभाओं को खास कर सीईएसएसए के माध्यम से बढ़ावा देने के क्या लाभ, इस बारे में जानकारी देना मेरे लिए खुशी की बात है। दरअसल हम खेल जगत में टेक्नोलॉजी पर जोर दे रहे हैं जिससे हमारे एथलीटों और कोचों का प्रदर्शन बेहतर होगा। हम यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि खेल को मुख्यधारा की शिक्षा में सही जगह मिले. यह स्पोर्ट्स फिजियोलॉजी, स्पोर्ट्स साइकोलॉजी, स्पोर्ट्स बायोमैकेनिक्स और ऐसे अन्य विशेष शोध क्षेत्रों के माध्यम से संभव होगा. इस उद्देश्य से सीईएसएसए कई खेल संघों और एजेंसियों के साथ काम कर रहा है। इस सहयोग से हमारे देश के एथलीट दुनिया में नाम करेंगे."

एसईए से प्रवेश का माध्यम भी जेईई परीक्षा है और इसके लिए उम्मीदवारों को जेईई (एडवांस्ड) पास करना होता है. लेकिन यह प्रवेश ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी (जेओएसएए) पोर्टल नहीं बल्कि आईआईटी मद्रास के अपने एक अलग पोर्टल के माध्यम से होगा.

अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट देखिए

https://jeeadv.iitm.ac.in/sea/information.html

इस प्रोग्राम से प्रवेश के लिए उम्मीदवार को जेईई (एडवांस्ड) के कॉमन रैंक लिस्ट (सीआरएल) या कैटेगरी वाइज रैंक लिस्ट में स्थान प्राप्त करना और पिछले चार वर्षों में किसी भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता में कम से कम एक पदक जीतना अनिवार्य है.

इसके लिए खेलों की एक सूची है, जिसमें उम्मीदवार के प्रदर्शन से प्राप्त कुल स्कोर के अनुसार एक अलग ‘स्पोर्ट्स रैंक लिस्ट’ (एसआरएल) तैयार किया जाता है. इस लिस्ट के आधार पर सीट आवंटन किया जाता है.

चुने हुए विद्यार्थियों का कहना है....
आरोही भावे, राष्ट्रीय जूनियर वॉलीबॉल खिलाड़ी ने कहा, "मैंने आनंद के लिए वॉलीबॉल खेलना शुरू किया था। धीरे-धीरे मेरे खेल में निखार आया और फिर मैं प्रतिस्पर्धाओं में प्रोफेशनली खेलने लगी. शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए आईआईटी मद्रास की हमेशा से प्रतिष्ठा रही है. यह इसके अलावा विद्यार्थियों को एक्टिव रिसर्च का भी पर्याप्त अवसर देता है. आईआईटी मद्रास में मुझे सबसे अच्छा यह लगा कि यहां विभिन्न विषयों के तालमेल से शिक्षा दी जाती है. हालांकि खेल के साथ पढ़ाई करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है. इसलिए मैंने संकल्प लिया है कि मुझे दैनिक खेल अभ्यास के साथ सभी कक्षाओं में उपस्थित रहना है. कभी-कभी परीक्षाओं के दौरान दिन-रात पढ़ना मुश्किल होता है. लेकिन मेरा मानना है कि सही मार्गदर्शन और खेल भावना के साथ यह मैनेज किया जा सकता है."

आर्यमन मंडल, राष्ट्रीय पोलो खिलाड़ी और तैराक ने कहा, "मुझे खेल में करियर के साथ-साथ टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी रुचि थी. आईआईटी मद्रास का देश के सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों में नाम है। इसलिए मैंने आईआईटी मद्रास को चुना. मैं यह मानता हूं कि कॉलेज की पढ़ाई और खेल दोनों को संभालना इतना आसान नहीं है, लेकिन मेरे दोस्त हैं, जो पढ़ाई में मेरी मदद करते हैं। वे मेरा जो भी संदेह हो दूर करते हैं."

दिल्ली की स्क्वॉश खिलाड़ी नंदिनी जैन ने कहा, "मैं हमेशा से विज्ञान पढ़ना चाहती थी और सिर्फ इसी क्षेत्र में कुछ अच्छा करना चाहती थी. मुझे नहीं लगता कि मेरे लिए आईआईटी मद्रास से बेहतर कोई संस्थान होता. यह विज्ञान का बेहतरीन संस्थान है. मैं सभी लेक्चर में उपस्थित रहती हूं. एक भी लेक्चर और क्लास नहीं छूटे इसका ध्यान रखती हूं. मैं यथासंभव लेक्चर समझने की कोशिश करती हूं. हमारे प्रोफेसर इतना अच्छा समझाते हैं, कि मुझे अपने प्रशिक्षण के बाद अतिरिक्त समय नहीं देना पड़ता है.

उन्होंने आगे कहा, आईआईटी मद्रास में मेरे दोस्त मदद के लिए तैयार रहते हैं. हम ग्रुप स्टडी करते हैं. मुझे यदि कोई संदेह रहा तो इसमें दूर हो जाता है. मैं किसी से पूछ सकती हूं. यहां टीए (शिक्षा सहायक) और प्रोफेसर बहुत अच्छे हैं. जब भी ज़रूरत हो आपकी मदद करते हैं." बता दें कि, स्क्वॉश खिलाड़ी नंदिनी जैन ने, साल 2018 और 2019 में ‘एशियन जूनियर गेम्स’ में दो बार भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं.

राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त टेबल टेनिस खिलाड़ी प्रभाव गुप्ता ने कहा, "आईआईटी मद्रास इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए देश का सबसे अच्छा संस्थान है. इसलिए मैंने इसे चुना. यह सीखने, व्यक्तित्व विकास करने और सफल करियर बनाने का बेहतरीन अवसर देता है. हालांकि यहां खेल और पढ़ाई दोनों को मैनेज करना आसान नहीं है, क्योंकि शिक्षा का एक अलग ही लेवेल है. मैं यथासंभव पढ़ाई और रोजाना टेबल टेनिस अभ्यास दोनों के लिए समय निकाल लेता हूं. संस्थान के अंदर कंटिजेंट मेंबर के साथ अभ्यास करने से मेरे खेल में काफी सुधार हुआ है."

लॉन टेनिस खिलाड़ी वंगाला वेदवाचन रेड्डी ने कहा, "मेरे आईआईटी मद्रास चुनने की वजह इसकी विश्वविख्यात प्रतिष्ठा और अकादमिक उत्कृष्टता है. मैं ने एक शेड्यूल बना कर पढ़ाई और खेल के बीच संतुलन बना लिया है. पूरे मनोयोग से पढ़ाई करता हूं. मैं यह जरूर कहूंगा कि जेईई परीक्षा पास करना और खेलों में पदक जीतना दोनों की अपनी-अपनी चुनौतियां हैं. जेईई में सफलता के लिए पढ़ाई में दिन-रात एक करने की जरूरत है, जबकि पदक जीतने के लिए शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति और कौशल में निरंतर निखार चाहिए."

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