आजमगढ़: अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनने में 400 वर्ष का समय लगा तो वहीं आजमगढ़ के निजामाबाद तहसील क्षेत्र के महर्षि दत्तात्रेय आश्रम से चोरी हुई भगवान राम-लक्ष्मण और हनुमान की अष्टधातु की मूर्तियां एक बार फिर से स्थापित करने में 25 वर्ष का समय लग गया. लोग फिर से भगवान के दर्शन कर सकेंगे. महर्षि दत्तात्रेय आश्रम से 1999 में भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान की अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हो गईं थीं. पुलिस ने मूर्तियां तो बरामद कर लीं लेकिन यह मूर्तियां अभी तक थाने के मालखाने में बंद रहीं. अब 24 सितंबर को कोर्ट ने इन मूर्तियों को बाहर निकालने का आदेश जारी किया है. अब फिर से विधि-विधान से प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमा की स्थापना की जाएगी.
आस्था का केंद्र है महर्षि दत्तात्रेय आश्रम:जिला मुख्यालय से 15 किमी की दूरी पर निजामाबाद कस्बा स्थित है. कस्बे से सटकर सेंटरवा मार्ग पर गौसपुर ग्राम सभा में तमसा और कुंवर नदी के संगम पर स्थित महर्षि दत्तात्रेय आश्रम आस्था का एक बड़ा केंद्र है. दर्शन पूजन के लिए प्रत्येक वर्ष हजारों की संख्या में लोग तमसा और कुंअर नदी के संगम पर डुबकी लगाकर भगवान दत्तात्रेय आश्रम पर दर्शन पूजन करते हैं और हवन भी करते हैं. मान्यता के अनुसार हवन-पूजन और दर्शन करने के बाद जो भी मनोकामना मांगी जाती है, वह पूर्ण होती है. यहां पर अष्टधातु की भगवान राम, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियां हैं.
1996 में चोरी हो गईं मूर्तियां:1996 में मंदिर से मूर्तियां चोरी हो गईं थीं. बाद में पुलिस ने बरामद कर लिया और उसे दोबारा स्थापित किया गया. इसके बाद यहां पुलिस चौकी के स्थापना की मांग उठने लगी. पुलिस चौकी तो स्थापित नहीं हुई, लेकिन उसके पहले 1999 में चोरों ने फिर से मूर्ति चुरा ली. पुलिस ने दूसरी बार भी मूर्ति को बरामद तो कर लिया लेकिन उसे थाने के मालखाने में जमा कर दिया. जिसे बाहर लाने के लिए मंदिर के पुजारी कोर्ट में केस लड़ रहे थे. 24 सितंबर को कोर्ट ने इन मूर्तियों को मालखाने से बाहर निकालने का आदेश दिया. इस आदेश के जारी होते ही क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई. अब मंदिर के पुजारी मूर्ति की फिर से स्थापित करने के प्रयास में जुट गए हैं. वहीं लोगों का कहना है कि भगवान राम 25 साल का वनवास काटकर अपने धाम आ रहे हैं. उनका भव्य तरीके से स्वागत किया जाएगा और विधि विधान से उनकी स्थापना की जाएगी.