नई दिल्ली: अरबपति गौतम अडाणी ने हाल ही में समाचार एजेंसी आईएएनएस के साथ एक इंटरव्यू में काम और जीवन संतुलन पर अपने विचार साझा किए. अडाणी ने एक निजी राय साझा करते हुए कहा कि अगर आप जो करते हैं उसका आनंद लेते हैं, तो आपके पास कार्य-जीवन संतुलन है. आपका काम और जीवन संतुलन मुझ पर नहीं थोपा जाना चाहिए, और मेरा काम और जीवन संतुलन आप पर नहीं थोपा जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई पुरुष काम पर आठ घंटे से अधिक समय बिताता है, तो उसकी पत्नी उसे छोड़कर भाग जाएगी.
आपको केवल यह देखने की जरूरत है कि क्या मैं अपने परिवार के साथ चार घंटे बिताता हूं और उसमें आनंद पाता हूं, या कोई और आठ घंटे बिताता है और उसका आनंद लेता है, यह उनका संतुलन है. लेकिन अगर कोई आठ घंटे बिताता है और उसका जीवनसाथी उसे छोड़ देता है, तो यह एक अलग कहानी है.
अडाणी ने इस बात पर जोर दिया कि काम-जीवन संतुलन का सार आपसी खुशी और व्यक्तिगत संतुष्टि से मिलता है. उन्होंने कहा कि अगर इससे आपको खुशी मिलती है और दूसरा व्यक्ति भी खुश होता है, तो यही कार्य-जीवन संतुलन की सच्ची परिभाषा है.