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मानव तस्करी का पर्दाफाश, पुलिस ने ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड की 11 लड़कियों को बचाया - HUMAN TRAFFICKING

पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपी रवि कुमार आधार कार्ड में लड़कियों के विवरण में हेरफेर करके उन्हें विशाखापट्टनम लाया था.

Human Trafficking 11 Girls rescued from Visakhapatnam railway station andhra pradesh
मानव तस्करी का पर्दाफाश, पुलिस ने ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड की 11 लड़कियों को बचाया (ETV Bharat)

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 21, 2024, 7:48 PM IST

विशाखापट्टनम: आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में रेलवे पुलिस बल (RPF) ने मानव तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया है. रेलवे पुलिस ने विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन पर तस्करों के कब्जे से 11 लड़कियों को बचाया, जिनमें दो नाबालिग हैं.

अधिकारियों ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने एक संदिग्ध रवि को पकड़ा, जो लड़कियों को ट्रेन से ले जा रहा था. जांच में पता चला कि ओडिशा के नबरंगपुर के साथ-साथ छत्तीसगढ़ और झारखंड के अन्य क्षेत्रों से लड़कियों को फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल करके लाया जा रहा था.

उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि रैकेट ने पहले ही 100 से अधिक लोगों को अवैध रूप से ले जाने में मदद की है. बचाई गई लड़कियां अब सुरक्षित हिरासत में हैं और अधिकारी तस्करी नेटवर्क को खत्म करने और इसमें शामिल लोगों को पकड़ने के लिए जांच को आगे बढ़ा रहे हैं.

पुलिस के मुताबिक, आरपीएफ और जीआरपी के अधिकारियों ने गुरुवार 19 दिसंबर को विशाखापट्टनम रेलवे स्टेशन पर उस समय इन लड़कियों को बचाया, जब वे ट्रेन में चढ़ने का इंतजार कर रहे थे. रेलवे पुलिस ने 41 वर्षीय रवि कुमार बिशोई को गिरफ्तार किया है, जो अवैध मानव तस्करी में शामिल था.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला है कि आरोपी रवि कुमार आधार कार्ड में लड़कियों के विवरण में हेरफेर करके उन्हें विशाखापट्टनम लाया था. जब वह लड़कियों को कपड़ा उद्योग में काम के लिए तमिलनाडु के तिरुपुर भेजने की कोशिश में था, तब हमने विजाग रेलवे स्टेशन पर लड़कियों को बचाया, जो गरीब परिवारों से हैं और उन्हें कहां ले जाया जा रहा है इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

आधार कार्ड में 9 लड़कियों की उम्र में हेराफेरी
अधिकारी ने बताया कि आरोपी रवि ने मूल आधार कार्ड में 9 लड़कियों की उम्र में हेराफेरी की थी, ताकि ऐसा लगे कि वे 18 वर्ष से ऊपर की हैं. जब लड़कियों से अलग-अलग बात की गई, तो उन्होंने अलग-अलग उम्र और अलग-अलग बातें बताईं. पुलिस के मुताबिक, जब लड़कियों में से एक के पिता से फोन पर बात की गई तो उसने बताया कि उन्हें अपनी बेटी के रोजगार के बारे में कोई अपडेट नहीं दिया गया है. जांच से संकेत मिलता है कि लड़कियों को जबरन काम करने के लिए लाया गया था.

वेश्यावृत्ति में धकेलने के संबंध में सबूत नहीं
पुलिस का कहना है कि लड़कियों को वेश्यावृत्ति में धकेलने के संबंध में कोई सबूत मौजूद नहीं है, क्योंकि रवि कुमार ने उन्हें झींगा उद्योग और कपड़ा उद्योग में रोजगार का वादा करके बहलाया था. जांच से पता चला कि बिहार के मूल निवासी रवि कुमार का ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड और नेपाल के कुछ तस्करों से संबंध है और वह पिछले कुछ वर्षों से मानव तस्करी में शामिल था. पुलिस ने बताया कि गरीब परिवारों से रोजगार का वादा करके रवि कुमार ने 100 से अधिक लड़कियों को छोटे-मोटे काम करने के लिए मजबूर किया, जहां उन्हें बहुत कम पैसे मिलते थे.

उन्होंने कहा कि बचाई गई लड़कियों को शहर के एक सरकारी आश्रय गृह में भेज दिया गया और उन्हें बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सामने पेश किया गया. लड़कियों को पुलिस सुरक्षा में उनके घरों में भेजा जाएगा.

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