कोलकाता: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में रेप और हत्या की शिकार हुई कोलकाता की डॉक्टर के सहकर्मियों ने पीड़िता की मौत से कुछ घंटे पहले की व्यस्त दिनचर्या का खुलासा किया है. उन्होंने कहा कि पीड़िता अपने काम को लेकर फोकस थी और अपनी पंक्चुअलिटी के लिए जानी जाती थी.
पीड़िता एक हॉस्टल में रहती थी. हालांकि, पिछले एक साल से वह कोलकाता के बाहरी इलाके में स्थित अपने घर से काम पर आती-जाती थी. वह 8 अगस्त को सुबह 10 बजे अस्पताल की ओपीडी में काम पर पहुंची. उसे यूनिट 2ए में तैनात किया गया था. उस दिन उसने छह मरीजों को भर्ती किया.उसने दोपहर 3 बजे के बाद स्लीप रूम में लंच किया.
उसके सहकर्मी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, "वह दोपहर 3 बजे के बाद आई और उन्होंने बगल के स्लीपिंग रूम में खाना खाया, जहां हम आमतौर पर वे खाना खाते हैं." वह शाम 4.30 बजे अस्पताल से चले गए और उन्हें (पीड़िता) निर्देश दिया कि अगर किसी मरीज की तबीयत खराब हो तो उन्हें फोन करें.
सुबह मिली मौत की खबर
डॉक्टर ने कहा, " उसका फोन नहीं आया और अगली सुबह मुझे उसकी भयानक मौत के बारे में पता चला." उसके जूनियर सहयोगी ने बताया कि क्राइम से कुछ घंटे पहले वह अस्पताल के कॉरिडोर में उससे मिला था. ट्रेनी डॉक्टर ने याद करते हुए बताया, "दीदी वार्ड की ओर भाग रही थीं, तभी मैं कॉरिडोर में उनसे टकरा गया. हमने एक-दूसरे से नमस्ते किया और उन्होंने कहा कि उन्हें वार्ड में बहुत काम है."