नई दिल्ली: राज्यसभा में सोमवार को संविधान पर बहस के दौरान केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. सीतारमण ने कांग्रेस और उसके नेताओं पर हमला किया, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि उन्होंने जो संविधान संशोधन किए हैं, वे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए नहीं, बल्कि सत्ता में बैठे लोगों की रक्षा के लिए हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि भारत जो आज भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर गर्व करता है. उसने पहली अंतरिम सरकार को संविधान संशोधन करते देखा, जिसका उद्देश्य भारतीयों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना था और वह भी संविधान को अपनाने के एक साल के भीतर.
'उनके कर्म अच्छे नहीं'
वहीं, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने संविधान पर सीतारमण की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि भले ही उनकी भाषा अच्छी हो, लेकिन उनके कर्म अच्छे नहीं हैं. राज्यसभा में बहस में भाग लेते हुए खड़गे ने कहा, "मुझे उन्हें बताना होगा कि मैं भी पढ़ना जानता हूं. मैंने नगर पालिका स्कूल में पढ़ाई की है, उन्होंने (निर्मला सीतारमण) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पढ़ाई की है, यह निश्चित है कि उनकी अंग्रेजी अच्छी होगी, उनकी हिंदी अच्छी होगी, लेकिन उनके कर्म अच्छे नहीं हैं."