चंडीगढ़:लोकसभा चुनाव 2024 में पीएम मोदी का जादू नहीं चला. 400 पार का नारा दे रही बीजेपी खुद बहुमत से भी दूर हो गई. हलांकि एनडीए को बहुमत मिलता दिख रहा है. ज्यादातर राज्यों में बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है. हरियाणा में भी बीजेपी महज 5 सीटों पर सिमट गई है. 2019 में बीजेपी ने सभी 10 सीटें जीती थी. हलांकि बीजेपी 5 सीटों पर जीतने में कामयाब रही लेकिन इनमें भी कई सीटों पर जीत का अंतर बेहद कम रहा.
किसानों की नाराजगी
हरियाणा में किसानों की नाराजगी बीजेपी के लिए बड़ी मुश्किल साबित हुई. किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर हरियाणा में था. सितंबर 2020 में हुए इस आंदोलन के बाद ये पहला लोकसभा चुनाव था. ग्रामीण इलाकों में बीजेपी के खिलाफ सबसे ज्यादा गुस्सा था, जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ा.
अग्निवीर योजना से युवाओं में गुस्सा
हरियाणा किसान और जवानों की धरती है. यहां से सबसे ज्यादा युवा सेना में भर्ती होने का सपना पालते हैं. जबसे चार साल की नौकरी वाली अग्निवीर योजना आई है युवाओं में इसको लेकर नाराजगी थी. अग्निवीर योजना का सबसे ज्यादा विरोध हरियाणा में ही हुआ था. हलांकि अहीरवाल इलाके की दोनों सीटें बीजेपी जीत गई. लेकिन 2019 में जीत का जो अंतर 3 लाख और 4 लाख से ज्यादा था, वो इस साल 50 हजार पर सिमट गया.
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सरकार के खिलाफ सरपंचों की नाराजगी
हरियाणा सरकार की ई टेंडरिंग को लेकर प्रदेश सभी सरपंच नाराज थे. उन्होंने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के विरोध का ऐलान किया था. हरियाणा में कुल 6222 पंचायतें हैं. सरपंचों हर गांव में बीजेपी का विरोध कर रहे थे. 2023 में प्रदर्शन कर रहे सरपंचों पर मनोहर लाल खट्टर ने लाठी चार्ज कराया था. इसका असर भी इस चुनाव में देखने को मिला.
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