वाराणसी:ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यासजी तहखाने में पूजा शुरू हो गई है. शुक्रवार को पूजा पाठ के आदेश के बाद पहले जुमे की नमाज अदा हुई, जिसको लेकर भारी सुरक्षा व्यवस्था पूरे शहर में देखने को मिली और यूपी में भी अलर्ट था. इन सबके बीच पुलिस अभी भी मुस्तैद है. मुस्तैदी इसलिए भी क्योंकि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में भी ज्ञानवापी को लेकर कई ऐसे राज खोले गए हैं, जो इस पूरे परिसर के पुरातन मंदिर होने के पुख्ता सबूत हैं. एएसआई की रिपोर्ट में ज्ञानवापी परिसर की पश्चिमी दीवार पर मिली डिजाइन, बनावट, अवशेष में लिखावट से लेकर बनाए गए स्ट्रक्चर और उसकी स्ट्रैंथ अपने आप में पुरातन मंदिर के होने के पुख्ता सबूत हैं. रिपोर्ट में सबसे अधिक पश्चिम दीवार का जिक्र है, जबकि कई टूटे हुए अवशेष और अन्य चीज इसी दीवार के बाहरी हिस्से से बरामद हुई है.
पश्चिमी दीवार क्षेत्र में तीन मंच मिले:अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन का कहना है कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने पश्चिमी दीवार का सर्वे उत्तरी-पश्चिमी और दक्षिणी-पश्चिमी दो हिस्सों में बताकर किया है. सर्वे में पश्चिमी दीवार क्षेत्र में तीन मंच मिले हैं. उनमें एक दीवार दबी हुई है. पश्चिमी कक्षा पश्चिमी दीवार का मध्य भाग है, जबकि केंद्रीय कक्ष का मुख्य प्रवेश द्वार भी यही है. वस्तु सिर्फ विशेषताओं से यह स्पष्ट होता है कि यह संरचना प्रवेश द्वार के रूप में स्थापित है. जबकि इस निर्माण के वक्त बंद कर दिया गया था. रिपोर्ट में इस एंट्री गेट के आसपास की दीवारों पर हिंदू मंदिर के काफी सबूत मिले हैं. जिसमें कमल के साथ अन्य तरह के फूल और प्राकृतिक संरचना के आधार पर घंटा, चैन, त्रिशूल, स्वास्तिक अन्य तरह की चीज भी स्पष्ट तौर पर इस पूरे स्ट्रक्चर पर मौजूद हैं.
फूलों की आकृतियां भी मिलींःएएसआई रिपोर्ट में एक बैठे हुए जानवर जिसमें शेर की आकृति दिखाई दे रही है. वह भी स्पष्ट तौर पर इस दीवार के नीचे के हिस्से में मौजूद है. धनुष आकर के प्रवेश द्वार पर आसपास के कई चित्र दिखाई दे रहे हैं. छत में फूल कली, उभरी हुई आकृतियां, कमल की पंखुड़ी, गुंबदगार छत को साफ कर रही है. विष्णु शंकर जैन का कहना है कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में इस दीवार का सबसे ज्यादा जिक्र किया गया है. यह भी स्पष्ट किया गया है कि यहां पर मौजूद आकृतियां खंभे पर बनाई गई. डिजाइन यह स्पष्ट करती है कि यह एक पुरातन मंदिर का अवशेष है. जिस पर पूरी की पूरी मस्जिद को खड़ा किया गया है.