मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / bharat

भूतों के राजा कुँवर महाराज! ग्वालियर के इस मंदिर में महिलाओं की एंट्री बैन, जानिये वजह - WOMEN ENTRY BANNED TEMPLE

ग्वालियर में कुँवर बाबा के मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति नहीं है. ये परम्परा वर्षों से चली आ रही है. आइये जानते हैं कि आखिर कौन थे कुँवर महाराज और क्यों उनके मंदिर मठ में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है?

WOMEN NOT ALLOWED TEMPLE
मंदिर में प्रवेश की महिलाओं को नहीं है इजाजत (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 23, 2025, 10:22 AM IST

Updated : Jan 23, 2025, 2:17 PM IST

ग्वालियर (पीयूष श्रीवास्तव):लोग जीवन में अनुशासन का पालन ठीक से करें या ना करें लेकिन आस्था के दर पर सभी नियमों का पालन करते हैं. यही वजह है कि मध्यप्रदेश के ग्वालियर में बने एक मंदिर में आज भी महिलाएं कदम नहीं रखती. क्योंकि की यहां महिलाओं के लिए प्रवेश वर्जित है. ये मंदिर है कुँवर बाबा का जो मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के चंबल क्षेत्र में लोक देवता के रूप में पूजे जाते हैं. यह परंपरा सालों से चली आ रही है. जिसका पालन आज तक किया जा रहा है.

तीन राज्यों में पूजे जाते हैं कुँवर महाराज
ग्वालियर के महलगांव में स्थित है कुँवर बाबा मंदिर. माना जाता है कि कुंवर बाबा रतनगढ़ वाली माता के भाई थे. कुँवर बाबा ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, इटावा, आगरा, धौलपुर, झाँसी क्षेत्र में लोक देवता के रूप में पूजे जाते हैं. उनके तीन स्थानों पर मंदिर बने हैं जो दतिया के रतनगढ़, भिंड के लावन और ग्वालियर के महलगांव में स्थित हैं. यहां श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. खास कर होली दिवाली की भाई दूज पर यहां कुँवर बाबा का दरबार लगता है और भूतों का इलाज किया जाता है.

ग्वालियर के इस मंदिर में महिलाओं की एंट्री बैन (ETV Bharat)

मंदिर के बाहर परिक्रमा कर सकती है महिलायें
मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है इसलिए विवाहित महिलाओं को मंदिर मठ और दरबार में जाने की अनुमति नहीं है. लेकिन ऐसा भी नहीं है कि महिलायें कुँवर बाबा के दर्शन नहीं करती. नियम के अनुसार यहां आने वाली महिला मंदिर में प्रवेश नहीं करती लेकिन वे बाहर से परिक्रमा जरूर लगाती है. और जो भी कामना होती है उसे अपने मन में दोहराकर कुँवर महाराज को बताती हैं.

कुंवर बाबा करते हैं भूत प्रेत का इलाज (ETV Bharat)

रतनगढ़ वाली माता के भाई थे कुँवर बाबा
इस मंदिर के पुजारी महामंडलेश्वर कपिल मुनि महाराज कहते हैं कि, ''रतनगढ़ वाली माता और उनके भाई कुँवर महाराज को देवता का दर्जा दिया गया है. दोनों भाई बहन दुर्गा माता के बड़े भक्त थे. कुँवर बाबा ने अपनी बहन रतनगढ़ वाली माता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे. लेकिन उन्होंने आजीवन ब्रह्मचर्य का पूर्ण रूप से पालन किया था. उन्होंने विवाह तक नहीं किया, सिर्फ माता भक्ति में जीवन समर्पित किया था. इसी वजह से ब्रह्मचर्य अनुशासन का पालन उनके मंदिर में भी किया जाता है.

महिलाओं के प्रवेश को लेकर मंदिर में लगा नोटिस (ETV Bharat)

मंदिर में लगा है नोटिस बोर्ड
कोई महिला गलती से भी मंदिर में प्रवेश ना करे इसलिए बाकायदा यहां नोटिस बोर्ड भी लगाया गया है. जो कहता है कि, "कुँवर महाराज मंदिर में महिलाओं को दरबार में प्रवेश करना मना है." जो भी भक्त यहां आते हैं उनकी समस्यों को कुँवर बाबा दूर करते हैं और अगर कोई महिला अपनी परेशानी लेकर आती है तो कुँवर बाबा दूर से ही उसका समाधान कर देते हैं.

वर्षों से चली आ रही कुँवर बाबा मंदिर में परंपरा (ETV Bharat)

गुरु गोरखनाथ ने दिया था भूतों के राजा का आशीर्वाद
मंदिर महंत कपिल मुनि बताते हैं कि, ''कुँवर महाराज गुरु गोरखनाथ की भी पूजा अर्चना करते थे, साधना करते थे. उनकी साधना से प्रसन्न होकर गुरु गोरखनाथ ने उन्हें भूतों के राजा होने का आशीर्वाद दिया था. इसी वजह से हवा ब्यार या भूतों से परेशान लोग भी यहाँ बला छुड़ाने आते हैं. हर सोमवार को यहाँ बाबा का दरबार लगता है. खासकर होली, दिवाली और भाईदूज के दिन तो यहाँ मेला लगता है. इस दिन लगने वाले विशेष दरबार में कुँवर बाबा की सवारी आती है. जो भूत-प्रेत बाधा को दूर करने के साथ लोगों की अन्य समस्याओं का निराकरण करते हैं.

तीन जगह होते हैं कुँवर बाबा के दर्शन
आपको बता दें कि, कुंवर बाबा के दर्शन मध्यप्रदेश में तीन जगह होते हैं. पहला दतिया के रतनगढ़ माता धाम पर उनका मंदिर बना है. दूसरा ग्वालियर शहर के महलगांव में उनका एक मंदिर स्थापित है. वहीं तीसरा भिंड जिले के लावन गांव में भी उनका मंदिर बना हुआ है. तीनों ही स्थान पर कुंवर बाबा के मंदिर मठ में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है. लेकिन यहाँ आने वाली महिला श्रद्धालु भी अनुशासन का पालन पूरी श्रद्धा के साथ करती हैं.

Last Updated : Jan 23, 2025, 2:17 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details