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तानसेन समारोह में बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, भारतीय और वेस्टर्न इंस्ट्रूमेंट का दिखा गजब तालमेल - TANSEN SAMAROH GUINNESS RECORDS

ग्वालियर में तानसेन समारोह में देशभर से आए कलाकारों ने वायलिन, हारमोनियम, बांसुरी, तबला, सितार सहित अलग-अलग वाद्य यंत्रों पर एक साथ प्रस्तुति दी.

TANSEN SAMAROH GUINNESS RECORDS
तानसेन संगीत समारोह में बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 5 hours ago

ग्वालियर:तानसेन संगीत समारोह के शताब्दी वर्ष के मौके पर एक बार फिर से ऐतिहासिक किले पर नया रिकॉर्ड बनाया गया. इस बार भारतीय और वेस्टर्न इंस्ट्रूमेंट के साथ भारतीय शास्त्रीय संगीत का गायन और वादन कर कलाकारों ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कर लिया है. पंडित रोनू मजूमदार की संगीत सम्राट तानसेन के रागों पर आधारित बनाई धुन को कलाकारों ने लयबद्ध किया. इस मौके पर प्राचीन काल के वाद्य यंत्रों के अलावा आधुनिक संगीत के उपकरण भी इस्तेमाल किए गए. इस दौरान अलग-अलग वाद्ययंत्रों में गजब का तालमेल दिखा.

दूसरी बार बना गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

ग्वालियर के ऐतिहासिक किले पर आयोजित संगीत कार्यक्रम के दौरान यह रिकॉर्ड बनाया गया. यह दूसरा मौका है जब ग्वालियर में तानसेन समारोह के मौके पर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बना है. इससे पहले तबला वादन में ग्वालियर में इसी जगह पर एक साथ डेढ़ हजार कलाकारों ने प्रस्तुतियां देकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बनाया था. रविवार की शाम भी देशभर से आए कलाकारों ने वायलिन, हारमोनियम, बांसुरी, तबला, सितार सहित अलग-अलग वाद्य यंत्रों पर एक साथ प्रस्तुति दी. शास्त्रीय बैंड की समवेत प्रस्तुति देकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा लिया. इस आयोजन में एक साथ 546 कलाकारों ने हिस्सा लिया. गुजरात, सिक्किम और छत्तीसगढ़ के कलाकार भी इस विशेष प्रस्तुति में सहभागी बने.

तानसेन संगीत समारोह ग्वालियर (ETV Bharat)

मोहन यादव ने दी शुभकामनाएं

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के सदस्य डॉ रिचर्ड ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को सर्टिफिकेट सौंपा. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादवने इस मौके पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए सभी को गिनीज रिकॉर्ड बनाने पर शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि "ग्वालियर का संगीत से गहरा नाता प्राचीन काल से ही रहा है. उन्होंने कहा कि एक साथ इतने कलाकारों की अलग-अलग वाद्य यंत्रों पर प्रस्तुति कमाल की थी."

बांसुरी वादक रोनू मजूमदार ने कहा कि "उन्होंने संगीत सम्राट तानसेन के 3 रागों को मिलाकर एक धुन बनाई थी. इसके ऊपर यह प्रस्तुति पेश की गई. यह उनके लिए गौरव की बात है." सिक्किम, अहमदाबाद से आए कलाकारों ने भी इस कार्यक्रम में अपने को सहभागी बताते हुए खुद को भाग्यशाली बताया और कहा कि वह इतने बड़े कार्यक्रम का हिस्सा बने यह गौरव की बात है.

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